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अमर शहीदों से प्रेरणा लें, प्रेरणा को निष्ठा का रूप दें – सरयू राय

अमर शहीदों से प्रेरणा लें, प्रेरणा को निष्ठा का रूप दें -सरयू राय

-भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करना शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि
-जेम्को में याद किये गए अमर शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु

जमशेदपुर। देश को आज जिन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, उसके समाधान के लिए सभी चाहते हैं कि कोई भगत सिंह पैदा हो और समस्याओं को दूर कर दे परंतु वह भगत सिंह मेरे घर में नहीं बल्कि पड़ोसी के घर में पैदा हो विचार इस पर होना चाहिए कि आज भगत सिंह जिंदा होते तो भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी, सरकारी जुर्म के विरुद्ध उनकी क्या प्रतिक्रिया होती? जब तक देश के नागरिक, खास कर युवा पीढी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की शहादत के बारे में केवल नारे ही लगाती रहेगी, उनकी प्रेरणा को निष्ठा का रूप नहीं देगी, तब तक समस्याएं जस की तस रहेंगी, दिन-प्रतिदिन गंभीर होती रहेंगी। वर्तमान हालात में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के विचार और कृतित्व के आईने में हमें अपनी तस्वीर देखनी चाहिए और इस परिप्रेक्ष्य में अपनी भूमिका निर्धारित करनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो “शहीदों की मजारों पर लगेंगे हर वर्ष मेले, वतन पे मरने वालों का येही बाकीं निशान होगा” केवल नारा भर रह जाएगा। इस विषय में हम सभी को गंभीर होकर सोचना चाहिए और सच को सच और झूठ को झूठ कहने का साहस जुटाना चाहिए। नहीं तो हम वीर शहीदों का शहादत दिवस ही मनाते रहेंगे और उनके विचारों के अनुकूल आचरण करने से परहेज करते रहेंगे।

उक्त बातें जमशेदपुर पूर्वी के विधायक  सरयू राय ने आज जेम्को स्थित सरदार भगत सिंह के स्मारक के समक्ष एकत्र लोगों के बीच कही। उन्होंने यह भी कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि भ्रष्टाचार आज की सबसे बडी समस्या है हमें कोई ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए, जिससे समाज के किसी भी वर्ग में भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाने में कठिनाई हो। भ्रष्टाचार के विरुद्ध संघर्ष का बिगुल फूंकना अमर शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। जमशेदपुर में व्याप्त जन समस्याओं को दूर करने के लिए कंपनी तथा प्रशासन को जनहित में कार्रवाई करने के लिए विवश करने की जरूरत है। इस मामले में अपना छोटा या बडा निहित स्वार्थ को परे रख कर हम कदम बढाएंगे, तभी जनसमस्याएं दूर होंगी और जनता को उसका हक मिल पाएगा वरना अपने निजी लाभ के लिए कदम-कदम पर समझौते करते रहने की प्रवृति अमर शहीदों के सपनों को चकनाचूर कर देगी।