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अदालत से भागने के मामले में कांग्रेसी नेता संजय यादव पर दोष साबित हुआ

अदालत से भागने के मामले में कांग्रेसी नेता संजय यादव पर दोष साबित हुआ

जमशेदपुर-  जिला व्यवहार न्यायालय में कांग्रेसी नेता संजय यादव पर अदालत से भागने का दोष साबित हो गया और उन्हें तीन हजार रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाई गई।
इस कांग्रेसी नेता पर कदमा थाना में साल 2012 में एक मामला दर्ज हुआ था और उस मामले में वह उच्च न्यायालय की शरण में गए थे। उच्च न्यायालय ने उनके मामले पर स्टे ले लिया था और वह निचली अदालत में आत्मसमर्पण कर जमानत लेने के लिए गए
घटना 15 फरवरी 2019 की है। वह न्यायिक दंडाधिकारी  कृष्णा लोहार के अदालत में आत्म समर्पण किया और जमानत का आदेश लेने की याचिका दाखिल की।
न्यायिक दंडाधिकारी ने उन्हें कस्टडी में लेते हुए कस्टडी वारंट बनाने का आदेश कोर्ट क्लर्क को दिया। जैसे ही उक्त आदेश  कांग्रेसी नेता संजय यादव ने सुना वे अदालत से भाग खड़े हुए
17 फरवरी 2019 को सीताराम डेरा थाना में अदालत से भागने का मामला भारतीय दंड संहिता 224 के तहत दर्ज हुआ। उस मामले में अभियोजन की ओर से तीन गवाह हाजिर हुए। साक्ष्य एवं गवाही के आधार पर संजय यादव को दोषी पाया गया। वहीं संजय यादव की ओर से अदालत को बताया गया कि कदमा कांड संख्या 23/ 2012 को उच्च न्यायालय द्वारा क्वेश किया जा चुका है। अदालत में यह भी दलील दी गई कि यह पहला अपराध है और उन्हें क्षमा कर दिया जाना चाहिए। इस पर न्यायिक दंडाधिकारी एकता सक्सेना की अदालत में धारा 224 के तहत दोषी पाते हुए तीन हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई गई। संजय यादव द्वारा अर्थदंड भर दिए जाने के बाद अदालत ने उन्हें छह महीने के परिविक्षण पीरियड बॉन्ड पर रिहा कर दिया गया है