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आंध्र भक्त श्री राम मन्दिरम बिष्टुपुर में वैकुंठ के सात द्वार बन कर तैयार, 23 दिसम्बर को वैकुंठ एकादशी मनाई जायेगी,गरुड़ पर सवार होकर स्वर्ग के सात द्वार पार कर भृमण करेंगे विष्णु भगवान

आंध्र भक्त श्री राम मन्दिरम बिष्टुपुर में वैकुंठ के सात द्वार बन कर तैयार, 23 दिसम्बर को वैकुंठ एकादशी मनाई जायेगी,गरुड़ पर सवार होकर स्वर्ग के सात द्वार पार कर भृमण करेंगे विष्णु भगवान

जमशेदपुर- आंध्र भक्त श्री राम मन्दिरम बिष्टुपुर में 23 दिसम्बर को वैकुंठ एकादशी मनाई जायेगी उपाध्यक्ष जम्मी भास्कर ने बताया की 23 दिसम्बर को सुबह 6 बजे भगवान बालाजी की थोमल सेवा (फूलों से श्रृंगार) की जायेगी। 23 दिसम्बर सुबह 8 बजे से अखंड संकीर्तन 24 दिसम्बर की सुबह 8 बजे तक की जायेगी। 23 दिसम्बर सुबह 9 बजे भगवान विष्णु (बालाजी) का अभिषेकम की जायेगी एवं शाम को विष्णु भगवान गरुड़ वाहन पर सवार होकर वैकुंठ रूपी सात द्वार को पार कर भक्तों को दर्शन देने के लिये मंदिर में भ्रमण करेंगे वैकुंठ एकादशी हिन्दुओं में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। एकादशी चंद्रमा के बढ़ने या घटने के पखवाड़े का ग्यारहवां दिन है और महीने में दो बार आती है। लेकिन मार्ग शीर्ष दिसंबर-जनवरी महीने में शुक्ल पक्ष के दौरान पड़ने वाली एकादशी का विशेष महत्व है और इसे वैकुंठ एकादशी के रूप में महिमा मंडित किया जाता है, इस दिन, वैकुंठ (भगवान का निवास) के द्वार उनके उत्साही भक्तों के लिए खुलते हैं। यह दक्षिण भारत का एक प्रमुख त्योहार है जो भगवान विष्णु (बालाजी) के सभी मंदिरों में मनाया जाता है।