झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

आमलोग का जीवन कद्दू

आमलोग का जीवन कद्दू
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नये नये परिधान पहनकर, वे मुस्काते टी वी में
बेबस जनता को शहनाई, रोज सुनाते टी वी में

समाचार देखूँ तो आफत, न देखूँ तो आफत है
एक खबर या इक चेहरा ही, क्यों दिखलाते टी वी में

आमजनों का जीवन रोटी, पर रोटी की किल्लत है
पौष्टिक खाना कैसे बनता, क्यों सिखलाते टी वी में

खास आदमी के आने से, नामुमकिन, मुमकिन होगा
इसी बात को बार बार क्यों, वे दुहराते टी वी में

आमलोग का जीवन कद्दू, बन चाकू नेता रहते
लोक जागरण बिना सुमन ये,नित बहकाते टी वी में

श्यामल सुमन