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आज दिनांक 31.01.2023 को एनसीएलएटी के चेयरमैन माननीय न्यायाधीश अशोक भूषण और तकनीकी सदस्य वरुण मित्र की बेंच में इंकैब कंपनी के मजदूरों द्वारा दायर अपील की सुनवाई हुई

आज दिनांक 31.01.2023 को एनसीएलएटी के चेयरमैन माननीय न्यायाधीश अशोक भूषण और तकनीकी सदस्य वरुण मित्र की बेंच में इंकैब कंपनी के मजदूरों द्वारा दायर अपील की सुनवाई हुई।

मजदूरों के अधिवक्ता ने माननीय बेंच को बताया कि माननीय बेंच ने अपने पूर्व के यानी 04.06.2021 के आदेश में यह कहा था कि पूर्व रिजोल्यूशन प्रोफेशनल ने कानून के अनुसार अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं किया। उसने लेनदारियों का सत्यापन नहीं किया, गैरकानूनी तरीके से लेनदारों की कमिटी बनाई, कंपनी की परिसंपत्तियां का मूल्यांकन नहीं करवाया, बैंलेंस सीट नहीं बनाई, इन्फारमेशन मेमोरैंडम नहीं बनाई और रमेश घमंडीराम गोवानी के साथ मिलकर धोखाधड़ी से कंपनी के परिसमापन का आदेश पारित करवाया था। अधिवक्ता ने आगे बताया कि उन आधारों पर माननीय एनसीएलएटी ने लेनदारों की कमिटी को अवैध करार देते हुए माननीय एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी के 07.02.2020 के परिसमापन आदेश को निरस्त कर दिया था। अधिवक्ता ने माननीय बेंच को आगे बताया कि माननीय एनसीएलएटी के 04.06.2021 के आदेश की घोर अवहेलना करते हुए नये रिजोल्यूशन प्रोफेशनल पंकज टिबरेवाल ने न केवल देनदारियों का सत्यापन नहीं किया बल्कि लेनदारों की उसी कमिटी को बहाल कर दिया जिसे माननीय एनसीएलएटी ने अपने 04.06.2021 के आदेश द्वारा अवैध करार दिया था। उन्होंने आगे बताया कि पंकज टिबरेवाल ने न तो बैलेंस सीट बनायी, न कंपनी की परिसंपत्तियों का मूल्यांकन करवाया न इनफॉरमेशन मेमोरैंडम बनाया और एक फर्जी एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट जारी कर वेंदांता का फर्जी रिजोल्यूशन प्लान एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी के समक्ष दायर करवाया है।

दोनों पक्षों को सुनने के बाद एनसीएलएटी ने फैसला सुनाते हुए कहा कि एनसीएलटी में दायर दोनों आवेदनों की जगह एक नया आवेदन महत्वपूर्ण प्रार्थनाओं के साथ दायर करनी चाहिए। माननीय बेंच ने कहा कि आवेदनों में रिजोल्यूशन प्रोफेशनल द्वारा गैरकानूनी तरीके से सीओसी की नियुक्ति, देनदारियों का सत्यापन नहीं करना, एआरसी और बैंकों द्वारा एनपीए (गैर निष्पादित परिसंपत्तियों) को गैरकानूनी तरीके से प्राईवेट पार्टियों को बेचना और बैलेंस सीट नहीं बनाने जैसे गंभीर मुद्दे उठाए गये हैं जिसे एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी के समक्ष उठाया जाना चाहिए और एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी इन आवेदनों और उसमें की गयी प्रार्थनाओं पर विचार करने के बाद उस पर अपना आदेश पारित करेगी।

आज की सुनवाई में अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव, आकाश शर्मा ने मजदूरों का प्रतिनिधित्व किया।