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बहरागोड़ा और बरसोल में लगभग सभी गांव के घर घर में गुरुबार को गृहलक्ष्मी की पूजा की गई

बहरागोड़ा और बरसोल में लगभग सभी गांव के घर घर में गुरुबार को गृहलक्ष्मी की पूजा की गई

बहरागोड़ा: बहरागोड़ा और बरसोल में लगभग सभी गॉव के घर घर में गुरुबार को गृहलक्ष्मी की पूजा की गई।बताते चलें कि बंगाली अगहन महीना के अंतिम गुरुवार को सभी घरों में मां गृह लक्ष्मी की पूजा होती है।इस दौरान घर में ही रखे पीतल के भगवान की मूर्ति को पूजा जाता है।सुबह महिलाओं ने अरवा चावल से तैयार किया गया रंग से घर के सभी दरवाजे में पेंटिंग बनाते हैं।फिर सदियों से रखे हुए मां लक्ष्मी और अन्य भगवान की मूर्ति को निकाल कर चावल को हल्दी के साथ पीसकर लेप बनाते हैं फिर उसको भगवान की मूर्ति पर लेप लगाकर मूर्ति को नहाते हैं।फिर पुजारी बेलपत्र,फूल आदि देकर मंत्रोच्चार के साथ पूजा करते हैं।तत्पश्चात महिलाओं ने घर का बनाया हुआ घी से खास तरह से तेरह प्रकार का भोग बना कर सेबन करते हैं फिर सभी को भोग वितरण किया जाता है।शाम को आरती और मां गृह लक्ष्मी का किताब पढकर पूजा का समापन होता है ,उसके बाद पीतल के मूर्ति को घर के ऐसा जगह में रखा जाता है जहाँ फिर एक साल तक कोई स्पर्श नहीं कर सके।फिर अगले साल इसी दिन पुनः पूजा की जाती है।मालूम हो कि पांचरुलिया के धड़ा परिवार में विशेष प्रकार की पूजा होती है मौके पर बिजेंद्र धड़ा,रिंकी धड़ा,राज धड़ा, ओम प्रकाश धड़ा, सुलेखा धड़ा, लक्ष्मी धड़ा आदि ने पूजा को सफल बनाने के लिये जुटे हुए हैं।