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पूर्व विधायक राम लखन सिंह की चिट्ठी पर असंवेदनशील बनी रही सरकार, अभाव में पत्नी का हुआ निधन: दीपक प्रकाश

पूर्व विधायक राम लखन सिंह की चिट्ठी पर असंवेदनशील बनी रही सरकार, अभाव में पत्नी का हुआ निधन: दीपक प्रकाश

बरही विधानसभा के पूर्व विधायक राम लखन सिंह ने पत्नी के बीमार होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मार्मिक पत्र भेजा था, जिसमें धान की बकाया राशि और पेंशन भुगतान की मांग की थी. आर्थिक तंगी के बीच पूर्व विधायक की पत्नी कोरोना से हार गई. इसके बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने हेमंत सरकार पर हमला किया है.
रांचीः हजारीबाग के बरही विधानसभा के पूर्व विधायक राम लखन सिंह ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मार्मिक पत्र भेजा था, जो उनकी पत्नी की मृत्यु के बाद राजनीतिक रंग लेने लगा है.पूर्व विधायक के पत्र भाजपा हेमंत सरकार को घेर रही है. झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने हेमंत सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सरकार की असंवेदनशीलता के कारण पूर्व विधायक राम लखन सिंह की पत्नी की मौत हो गई है.
दीपक प्रकाश ने कहा कि हेमंत सरकार जनप्रतिनिधियों के आवेदन को दरकिनार कर गहरी निंद्रा में सोई हुई है. उन्होंने कहा कि बरही के पूर्व विधायक राम लखन सिंह ने 14 मई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर बकाया पेंशन और धान की बकाया राशि की भुगतान की मांग की थी. इसके साथ ही किसानों के दुख-दर्द को भी साझा किया था. उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक ने अपने पत्र यह भी दर्शाया था कि पत्नी कोरोना से पीड़ित है, लेकिन पूर्व विधायक की चिट्ठी को दरकिनार कर सरकार ने उनकी एक नहीं सुनी और बुधवार को उनकी पत्नी का निधन हो गया. उन्होंने कहा कि इस मामले में दोष किसका है, यह सरकार तय करे. कांग्रेस-झामुमो की राज्य में पूर्व विधायकों की नहीं सुनी जा रही है. इस स्थिति में आमलोगों का क्या हाल होगा, यह समझा जा सकता है. दीपक प्रकाश ने कहा कि पूर्व विधायक की पीड़ा पूरे राज्य के किसानों की पीड़ा है.
दरअसल, 14 मई को पूर्व विधायक राम लखन सिंह ने कोरोना से जंग लड़ रही अपनी पत्नी के इलाज के लिए मुख्यमंत्री से धान की बकाया राशि और पेंशन भुगतान को लेकर आग्रह किया था. इसके बाबजूद पूर्व विधायक को ना ही धान का बकाया राशि मिला और ना ही बकाया पेंशन का भुगतान हुआ. आर्थिक तंगी के बीच पूर्व विधायक की पत्नी कोरोना से हार गई और उनकी मौत हो गई है.

*बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत को लिखा पत्र, रूपा तिर्की मौत मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग*

बीजेपी नेता सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चिट्ठी लिखकर थाना प्रभारी रूपा तिर्की मौत मामले की अविलंब सीबीआई से जांच कराने की मांग की है. बाबूलाल ने कहा है कि रूपा तिर्की के परिजनों को स्थानीय पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है.
रांची: बीजेपी विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने साहिबगंज की महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की मौत मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चिट्ठी लिखकर अविलंब सीबीआई से जांच कराने की मांग की है.
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि 3 मई को साहिबगंज महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की संदेहास्पद मौत के बाद उनके परिजनों ने साहिबगंज में मीडिया के सामने बयान देकर कहा है कि रूपा तिर्की ने आत्महत्या नहीं की, वह किसी साजिश का शिकार हुई है, परिजनों ने इस मामले में साहिबगंज थाना में प्राथमिकी भी दर्ज कराई थी, जिसमें रूपा तिर्की से लगातार संपर्क रखनेवाली दो महिला पुलिस अवर निरीक्षक जो बेचमैट भी हैं और एक झामुमो के सचिव पंकज मिश्रा जो आपके विधायक प्रतिनिधि भी हैं, उन पर भी आरोप लगाया गया है, इस दिशा में स्थानीय पुलिस प्रशासन के ओर से जांच के नाम पर खानापूर्ति कर इसे आत्महत्या का रूप देकर मामले का पटाक्षेप करने का प्रयास किया जा रहा है, स्थानीय पुलिस रूपा तिर्की के आत्महत्या मामले में उसके दोस्त और बेचमैट शिव कुमार कनौजिया को गिरफ्तार कर साजिश, षडयंत्र और हत्या की आशंका वाले मामले से ध्यान भटकाया जा रहा है, जो न सिर्फ मृतका के परिजनों, बल्कि पूरे आदिवासी समाज समेत किसी के गले नहीं उतर रहा है और सारे लोग एक स्वर में रूपा तिर्की की हत्या किए जाने का संदेह जता रहे हैं.
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि पूरे राज्य में इस मामले को लेकर विभिन्न संगठनों और राजनीतिक दलों ने इस कांड की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की है, जिससे इस मामले की सच्चाई जनता के सामने आ सके और परिवार वालों को भी जांच पर भरोसा हो सके, मृतका के परिजनों को स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही जांच पर भरोसा नहीं है और लगातार सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं, इसे लेकर कई आदिवासी संगठनों ने विभिन्न तरीके से आपको संदेश भेजकर और मिलकर इस मामले की जांच सीबीआई से कराने का अनुरोध किया है, कई संगठन मामले की जांच सीबीआई से कराने के लिए लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, सत्ताधारी दल के कई विधायकों ने भी इस मामले में आपसे मिलकर सीबीआई से जांच कराने का अनुरोध किया है, चूंकि यह मामला एक होनहार महिला पुलिस पदाधिकारी के मौत से जुड़ा है और लोगों की संवेदनाएं इससे जुड़ी हुई है, तो बेहतर होता कि बिना देर किए इस मामले की जांच सीबीआई से कराने का आदेश देते, ताकि मृतका के परिजनों का भरोसा राज्य सरकार पर बना रहे और यह नैसर्गिक न्याय का तकाजा भी है.बाबूलाल ने कहा कि विभिन्न सामाजिक संगठनों और उनके परिजनों द्वारा लगातार इस मामले की सीबीआई जांच की मांग को देखते हुए मेरा भी आपसे अनुरोध होगा कि इस मामले की जांच अविलम्ब सीबीआई से कराने का आदेश दिया जाय, ताकि परिजनों और इस मांग को लेकर आंदोलित आदिवासी संगठनों का भरोसा सरकार पर बना रहे.