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गुंडों के बलपर लोकतंत्र को हाईजैक करने की कोशिश कर रही हैं ममता बनर्जी : कुणाल षाड़ंगी

गुंडों के बलपर लोकतंत्र को हाईजैक करने की कोशिश कर रही हैं ममता बनर्जी : कुणाल षाड़ंगी

पश्चिम बंगाल में चुनावी नतीजों के बाद सियासी हिंसा शुरू हो गई है। नतीजे वाले दिन ही कोलकाता में भाजपा के कई दफ्तरों में आग लगा दी गई थी। इसके बाद से अबतक पार्टी के लगभग एक दर्जन कार्यकर्ताओं की पीट-पीटकर हत्या की खबर है। वहीं कई गंभीर रूप से घायल हैं। तृणमूल कांग्रेस संपोषित राजनीतिक गुंडों से भयाक्रांत होकर भाजपा समर्थक और कार्यकर्ता गाँवों से पलायन कर रहे हैं। इस पर झारखंड भाजपा के प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा की तीव्र भर्त्सना करते हुए इसे लोकतंत्र और भारतीय इतिहास के लिए काला अध्याय बताया। तृणमूल कांग्रेस समर्थित राजनीतिक हमले में मृत भाजपा कार्यकर्ताओं के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए कुणाल षाड़ंगी ने दुःख जताया। उन्होंने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से आग्रह किया कि पश्चिम बंगाल की घटनाओं को गंभीरता से लिया जाय और संविधान के आधार पर अविलंब न्याय संगत कार्रवाई की जाय। अपने आवासीय कार्यालय में धरने पर बैठकर कुणाल षाड़ंगी समेत अन्य भाजपाईयों ने भी पश्चिम बंगाल की घटनाओं पर रोष प्रकट किया। झारखंड प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि चुनाव में जय-पराजय लोकतंत्र का हिस्सा है। नहीं जीत अंतिम है और नहीं हार अंतिम है। भाजपा ने जनादेश का सम्मान किया है, यही लोकतंत्र में परिपक्वता का उदाहरण है। लेकिन चुनावी परिणाम के बाद तृणमूल कांग्रेस समर्थित हिंसा ने लोकतंत्र को शर्मशार किया है। ममता बनर्जी ने लोकतंत्र की निर्मम हत्या की है। भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या, मारपीट, भाजपा कार्यालयों में आगजनी और तोड़फोड़, महिला कार्यकर्ताओं संग दुष्कर्म और छेड़छाड़ निंदनीय है। खुलेतौर पर तृणमूल कांग्रेस की सरकारी संरक्षण में ऐसे वारदातों को अंजाम दिया जाना आने वाले दिनों के लिए शुभ संकेत नहीं है। जनादेश के आधार पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को कोविड-19 की लड़ाई को बढ़ाना चाहिए नहीं कि हिंसा की आग में बंगाल को झोंकना चाहिए। उन्हें केंद्र सरकार के साथ समन्वय स्थापित कर के बेहतर बंगाल बनाने के लिए काम करना चाहिए। इसके इतने खुले तौर पर ममता बनर्जी राजनीतिक विद्वेषण के साथ अपने गुंडे तत्वों को खुली छूट देकर राजनीतिक हत्याएं, दुष्कर्म जैसी विभत्स घटनाओं को अंजाम दे रही हैं। यह वारदात भारतीय इतिहास में काला अध्याय के रूप में दर्ज़ होगी। भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि सत्ता का संचालन संविधान के तहत होना कि गुंडों के बल पर लोकतंत्र को हाईजैक के सरकार चलाई जाय गुंडागर्दी को सरकारी परंपरा नहीं बनाया जाए। भाजपा प्रवक्ता ने ममता बनर्जी को सुझाव दिया कि राजनीतिक विद्वेष से यदि भाजपाईयों को निशाने पर लिया जायेगा तो अन्य राज्यों में भी इस हिंसा के विस्तार की संभावना बढ़ेगी। ऐसी स्थिति वहाँ के तृणमूल कांग्रेस से जुड़े नेता और कार्यकर्ताओं बेवजह विरोध और आक्रोश झेल सकतें है। इससे अराजकता बढ़ेगी। इस परिस्थिति को टालने के लिए आज शपथ ग्रहण के साथ ही ममता बनर्जी इस बात की भी शपथ लें कि राज्य में राजनीतिक हिंसा को रोकेंगी और जनादेश का सम्मान करते हुए बंगाल के विकास में सकारात्मक पहल करेंगी।