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विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यक्रम को ग्रामीणों ने रोका, कहा- किसी पर जबरन नहीं थोपें अपना मत

विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यक्रम को ग्रामीणों ने रोका, कहा- किसी पर जबरन नहीं थोपें अपना मत

खूंटी में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के होने वाले कार्यक्रम को ग्रामीणों ने रोक दिया. सनातन संस्कृति को जागृत करने के लिए विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल यात्रा निकालने वाले थे, जिसका ग्रामीणों ने यह कहते हुए विरोध किया कि भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली पर किसी को धर्म सभा करने की इजाजत नहीं है
खूंटी: पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र के आदिवासियों ने गुरुवार को सायको-किताहातू चौक पर प्रदर्शन कर शौर्य जागरण यात्रा सह धर्मसभा पर रोक लगाने की मांग की. इस दौरान बड़ी संख्या में मौजूद आदिवासियों ने विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यक्रम में अड़ंगा लगाया. सनातन संस्कृति को जागृत करने के लिए विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल द्वारा 28 सितंबर को उलिहातू भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली से शौर्य यात्रा का शुभारंभ करने का कार्यक्रम 2 बजे अपराह्न निर्धारित था.
सनातन जागृति शौर्य जागरण यात्रा में खूंटी के पूर्व सांसद सह विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक कड़िया मुंडा को मुख्य अतिथि बनाया गया था. लेकिन अपराह्न 2 बजे से पहले ही पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र के आदिवासी हाथों में तख्तियां और बैनर पोस्टर लेकर विहिप और बजरंग दल की धर्मसभा का विरोध करना शुरू कर दिया. चौक पर जुटे आदिवासियों ने पोस्टर बैनर लेकर नारेबाजी की और कहा कि सनातन संस्कृति को आदिवासियों पर थोपना बंद करें.
स्थानीय आदिवासियों ने कहा कि उलिहातू ग्रामसभा और पांचवीं अनुसूची क्षेत्र के ग्रामीणों से बगैर इजाजत लिए विहिप और बजरंग दल ने उलिहातू से शौर्य जागरण यात्रा सह धर्मसभा की शुरुआत करना चाहते हैं. इसे यहां के लोग नहीं होने देंगे. ग्रामीणों ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली पर किसी को धर्म सभा करने की इजाजत नहीं है. उन्होंने कहा कि हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं लेकिन आदिवासियों पर जबरन हिन्दू या सनातन संस्कृति थोपना अनुचित है.
विरोध प्रदर्शन को लेकर जिले के एसडीओ, एलआरडीसी समेत बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी सायको किताहातू चौक पर मौजूद रहे. जिले के एसडीओ अनिकेत सचान ने स्थानीय आदिवासियों को समझाने का प्रयत्न किया कि आप लोग विरोध नहीं करें भगवान बिरसा मुंडा का सभी लोग सम्मान करना चाहते हैं. हालांकि आदिवासियों ने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर अगर भगवान बिरसा मुंडा को सम्मान देना चाहें तो कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन उलिहातू में बगैर ग्राम सभा की अनुमति के सनातन संस्कृति शौर्य यात्रा करने नहीं दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि आदिवासियों पर जबरन सनातन संस्कृति थोपने नहीं दिया जाएगा. स्थानीय आदिवासी समाज के लोगों ने एसडीओ को पत्र भेजकर सायको उलिहातू क्षेत्र में धारा 144 लगाने की मांग भी की