झारखण्ड वाणी

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विगत 4 वर्षों से सूचना आयुक्त की नियुक्ति और झारखंड राज्य सूचना आयोग को क्रियाशील करने पर गठबंधन सरकार का ढुलमुल रवैया

रांची – विगत 4 वर्षों से सूचना आयुक्त की नियुक्ति और झारखंड राज्य सूचना आयोग को क्रियाशील करने पर गठबंधन सरकार का ढुलमुल रवैया इस बार एकदम स्पष्ट रूप से सामने आया है। हेमंत सरकार चाहती ही नहीं है कि झारखंड राज्य सूचना आयोग क्रियाशील हो
पहले नेता प्रतिपक्ष नहीं होने का बहाना करती थी और अब जब भाजपा ने अपना नेता प्रतिपक्ष दे दिया है तो फिर इस बार मीटिंग करके सरकार का कहना है कि हम लोग फिर से वैकेंसी निकालेंगे नए सूचना आयुक्तों के नियुक्ति के लिए परंतु अभी तक तो कोई नई वैकेंसी निकली नहीं है और सरकार का 4 वर्ष का कार्यकाल पूरा हो चुका है
अब अगर जनवरी माह के अंदर सूचना आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी नहीं होगी तो फरवरी में लोकसभा चुनाव की घोषणा हो जाने पर आचार संहिता लागू हो जायेगी और झारखंड राज्य सूचना आयोग इसी प्रकार फिर अक्रियाशील रहेगा
ऐसी स्थिति में स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि वर्तमान गठबंधन सरकार राज्य में पारदर्शिता और जवाबदेहीता की पक्षधर नहीं है
यह सरकार चाहती ही नहीं है कि आम जनता को त्वरित न्याय मिले, इसे केवल अपने और अपने परिवार की चिंता है उक्त जानकारी बिरंची नारायण
विधायक बोकारो मुख्य सचेतक (विरोधी दल) झारखंड विधानसभा ने दी है