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उपायुक्त बोकारो से प्रदूषक के विरूद्ध विधिसम्मत कार्रवाई करने की माँग की- सरयु राय

राँची- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह है कि दामोदर नद को प्रदूषित करने के लिए बोकारो स्टील लिमिटेड पर क़ानूनी कारवाई करें तथा बोकारो उपायुक्त और अध्यक्ष, झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी इसके लिए निर्देश दें.
दामोदर बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं ने आज दोपहर मुझे बोकारो स्टील के तेज़ाब नाला से हो रहे प्रदूषित बहिस्राव के कारण दामोदर नद का पानी लाल हो जाने की तस्वीरें भेजी है. मैंने इसे तुरंत बोकारो के उपायुक्त को भेज दिया जो जिला पर्यावरण समिति के पदेन अध्यक्ष भी होते हैं. श्री राय ने उपायुक्त बोकारो से प्रदूषक के विरूद्ध विधिसम्मत कार्रवाई करने की माँग की.
उल्लेखनीय है कि दामोदर बचाओ आंदोलन के सतत प्रयास के कारण दामोदर नद का जल चार साल पहले औद्योगिक प्रदूषण से मुक्त हो गया है. अब इसे नगरीय प्रदूषण से मुक्त करने का अभियान चल रहा है, जिसके फलस्वरूप रामगढ़, फुुसरो, चास, धनबाद में सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण के लिए भारत सरकार ने निधि स्वीकृत कर दिया है.
परंतु आश्चर्य है कि बोकारो स्टील प्लांट आज भी रह-रह कर अपना प्रदूषित औद्योगिक बहिस्राव अपने दो बड़े नालों के माध्यम से दामोदर में डाल देता है. जबकि इसने 2018 में ही कहा था कि अपने औद्योगिक बहिस्राव को साफ़ करने का संयंत्र इसने फ़ैक्ट्री के भीतर लगा लिया है और पुनर्चक्रीकरण तथा शून्य बहिस्राव का लक्ष्य हासिल कर लिया है. इसके बावजूद तेज़ाबी नाला से इसका दूषित बहिस्राव दामोदर को गंदा कर रहा है. इतना ही नहीं बार-बार के आश्वासन के बाद भी बोकारो स्टील ने बोकारो शहरी क्षेत्र के जल-मल निकासी की व्यवस्था नहीं किया है और सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लगाया है. नतीजा है कि बोकारो का जल-मल प्रवाह गरगा नदी और दामोदर नद दोनों को प्रदूषित कर रहा है.
आज तो बोकारो स्टील लि॰ ने प्रदूषण की सारी हदें तोड़ दिया. मीलों तक दामोदर नद के जल को लाल कर दिया. जिस कारण नागरिक जल का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं और मवेशियों एवं जलीय जीवों को भी नुक़सान पहुँच रहा है.