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स्थानीय नीति के लिए आंदोलन के बाद पूजा पाठ का दौर शुरू, सीएम को सदबुद्धि के लिए मांगी गई मन्नत

स्थानीय नीति के लिए आंदोलन के बाद पूजा पाठ का दौर शुरू, सीएम को सदबुद्धि के लिए मांगी गई मन्नत

दुमका में 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति के लिए पूजा पाठ का दौर शुरू हो गया है. इसके लिए लोगों ने संथाल समाज के धार्मिक स्थल मांझी थान में जलार्पण कर भगवान से सीएम हेमंत सोरेन को सदबुद्धि देने की मांग की है.

दुमका: 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीयता नीति लागू करने को लेकर चल रहा आंदोलन अब पूजा पाठ पर पहुंच गया है. 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति लागू करने की मांग को लेकर लोग आंदोलन के बाद भगवान की शरण में पहुंच गए हैं. लोगों ने संथाल समाज के धार्मिक स्थल मांझी थान में जलार्पण कर भगवान से सीएम हेमंत सोरेन को सदबुद्धि देने की मांग की है.
1932 के खतियान के आधार पर स्थानीयता नीति लागू करने के लिए लोग आंदोलन के साथ पूजा पाठ का भी सहारा लेना शुरू कर दिया है. इसी को लेकर दुमका के कई मांझी थान में विशेष पूजा अर्चना की गई. संथाल समाज के धार्मिक स्थल मांझी थान में इन्होंने अपने आराध्य मरांग बुरु पर जलार्पण किया और प्रार्थना किया कि वे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को यह सदबुद्धि दें कि वे स्थानीयता और नियोजन नीति 1932 के खतियान के आधार पर घोषित करें.
इस दरम्यान सदर प्रखंड के हिजला गांव के ग्राम प्रधान सुनीलाल हांसदा सहित काफी संख्या में ग्रामीणों ने मांझी थान में पूजा की और जलार्पण किया. ग्राम प्रधान सुनील हांसदा ने कहा कि हेमंत सोरेन ने चुनाव के दौरान भी 1932 के खतियान को लागू करने की बात कही थी पर अभी तक ऐसा नहीं हो पाया है. सरकार बने दो वर्ष से अधिक समय गुजर गए पर इस पर निर्णय नहीं हुआ इसलिए हम अपने देवता मरांग बुरु, पिलचू हड़ाम, पिलचू बूढ़ी सहित अन्य आराध्य देव को जल अर्पित कर उनसे प्रार्थना कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री हमारी मांगों को पूरा करें ।