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ससुरालवालों के खिलाफ न्यायालय तक पहुंची बहू

रांची में तीन वर्ष पूर्व दूसरों के बहकावे में आकर दो रिश्ते टूटते-टूटते बच गई है. बता दें कि तीन वर्ष पूर्व पीड़ित सुल्ताना परवीन ने अपने ससुराल वालों के खिलाफ मारपीट और प्रताड़ना सहित कई आरोप लगाते हुए न्यायालय में तलाक के लिए पहुंच गई थी. लेकिन अब वह वापस आ गई और बहकावे के लिए माफी मांगते हुए परिवार के साथ फिर से रहने लगी.

रांची: अक्सर समाज में कुछ गलत फहमी की वजह से रिश्ते टूट जाते हैं और पारिवारिक रिश्ते में दरार आ जाती है और इसके साथ ही दो परिवार तबाह हो जाते हैं. ऐसा ही कुछ मामला राजधानी रांची के क्षेत्र का है. तीन वर्ष पूर्व दूसरों के बहकावे में आकर दो रिश्ते टूटते-टूटते बच गई है. तीन वर्ष पूर्व पीड़ित सुल्ताना परवीन ने अपने पति सफदर सुल्तान उर्फ सद्दाम, ससुर मजीद अंसारी, सास और ननद पर मारपीट और प्रताड़ना सहित कई आरोप लगाते हुए न्यायालय में तलाक के लिए पहुंच गई थी. लेकिन उस घटना से पछतावा करते हुए पीड़ित लड़की दोबारा गुरूवार को अपने ससुराल कोकदोरो पहुंच गई और अपने पति और ससुर से माफी मांगते हुए सारा मामला खत्म करते हुए पारिवारिक जीवन बिताने की बात कही. हैं’ पीड़ित ने कहा कि पूर्व में अपने पति और ससुरालवालों पर जो भी आरोप लगाया है वह बिल्कुल गलत है. उसने कहा कि कुछ गलतफहमी की वजह से न्यायालय में आरोप लगाई थी, लेकिन अब वे अपनी गलती सुधारना चाहती है. अपने पति और ससुरालवालों के साथ बाकी का जीवन गुजारना चाहती है. परिवार ने किया माफ वहीं, अपनी पत्नी की गलतियों को माफ करते हुए सफदर सुल्तान उर्फ सद्दाम ने कहा कि यह गलतफहमी की वजह से हुई थी, जिसे कुछ राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के कारण आग में घी डालने का काम किया गया था, ताकि उनके पिता मजीद अंसारी और परिवार की छवि धूमिल हो.
बता दें कि महिला के ससुर पूर्व जिला परिषद सदस्य सह अंजुमन इस्लामिया कोकदोरो इस्लामपुर मजीद अंसारी ने कहा कि वे एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं. पूर्व में जिला परिषद सदस्य भी रह चुके हैं. समाज में छवि अच्छी है, जिसे कुछ लोग राजनीतिक प्रतिद्वंदी मानते हैं और उनके और परिवार की छवि धूमिल करने के लिए ऐसा किया गया था. उन्होंने कहा कि सुल्ताना उनकी बहू नहीं, बल्कि बेटी है.