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सिंचाई विभाग का कार्यालय दूसरी जगह शिफ्ट करने का पत्र जारी, जर्जर भवन में काम करने को मजबूर कर्मी

सिंचाई विभाग का कार्यालय दूसरी जगह शिफ्ट करने का पत्र जारी, जर्जर भवन में काम करने को मजबूर कर्मी

दुमका में सिंचाई विभाग का कार्यालय दूसरी जगह शिफ्ट करने को लेकर पत्र जारी किया गया है. सिंचाई प्रमंडल भवन बुरी तरह से जर्जर हो चुका है. यहां के कर्मचारी मजबूरी में काम कर रहे हैं.
दुमका: जिला के विजयपुर स्थित सिंचाई प्रमंडल का भवन जर्जर हो चुका है. सरकारी स्तर पर इसे खाली करने के संबंध में एक पत्र भी जारी की गई है. लेकिन अभी तक दूसरी जगह उपलब्ध नहीं कराए जाने की वजह से कर्मचारी यहीं काम करने को मजबूर हैं.
दुमका के सिंचाई विभाग का भवन अत्यंत जर्जर हो चुका है, देखने में यह खंडहर सा प्रतीत हो रहा है. इस भवन के छत की ढलाई टूट-टूटकर नीचे गिर रहा है. उसकी छड़ें तक बाहर निकल चुकी है, दीवारों पर दरारें पड़ चुकी है, कुल मिलकर स्थिति चिंताजनक है. बड़ी बात यह है कि इसमें सिंचाई विभाग के अलग-अलग पांच कार्यालय संचालित है, जिसमें 60 कर्मी कार्यरत हैं. यहां पर कार्यरत कर्मी हमेशा इस आशंका से भयभीत रहते हैं कि पता नहीं कब कोई बड़ा हादसा हो जाए
कार्यालय शिफ्ट करने का दिया निर्देश सिंचाई विभाग के कार्यालय के भवन की जर्जर स्थिति को देखते हुए दुमका सिंचाई प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता की ओर से जारी पत्र यहां के दरवाजों और दीवारों पर चिपका हुआ है. इसे डेढ़ महीने (30 अप्रैल 2021) पहले ही जारी किया गया है. इस पत्र में सभी कार्यालय को संबोधित करते हुए यह साफ-साफ यह लिखा गया है कि सभी कार्यालय को दूसरी जगह शिफ्ट कर ले अगर कोई हादसा होता है तो उसके जिम्मेदार खुद वही होंगे.क्या कहते हैं काम करने वाले कर्मचारी इस जर्जर भवन में काम करने वाले कर्मचारियों ने कहा कि भवन काफी जर्जर हो गया है. इसे खाली करने का पत्र भी जारी कर दिया गया है. अभी तक दूसरा भवन हमें उपलब्ध नहीं कराया गया है. उनका कहना है कि हमें जल्द से जल्द दूसरी जगह उपलब्ध कराया जाए ताकि हमलोग छोड़कर चले जाएं.त्वरित पहल की आवश्यकता इस पूरे मामले पर उपायुक्त राजेश्वरी बी ने कहा कि संबंधित विभाग से बात कर जर्जर भवन को ध्वस्त किया जाएगा और उसकी जगह नया भवन बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि जब तक यह प्रक्रिया चलती है, उस अवधि में इन सभी कार्यालय को दूसरी जगह शिफ्ट करा दिया जाएगा. उपायुक्त को इस पर त्वरित पहल करनी चाहिए ताकि किसी हादसे का शिकार होने से पहले यहां के कर्मियों को राहत मिल सके.