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सीएम नीतीश आज ‘युवा और महिला उद्यमी योजना’ का करेंगे शुभारंभ, 10 लाख तक का मिल सकेगा लोन

सीएम नीतीश आज ‘युवा और महिला उद्यमी योजना’ का करेंगे शुभारंभ, 10 लाख तक का मिल सकेगा लोन

सीएम नीतीश कुमार आज ‘युवा और महिला उद्यमी योजना’ की शुरुआत करेंगे. इस योजना के तहत रोजगार के लिए योग्य आवेदकों को दस लाख रुपये का लोन दिया जाएगा. साथ ही 84 आसान किस्तों में लोन की आधी राशि ही वापस ली जाएगी.
पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को उद्योग विभाग की महत्वपूर्ण योजना ‘युवा और महिला उद्यमी योजना’ की शुरुआत करेंगे. योजनाओं के आवेदन के लिए तैयार पोर्टल udyami.bihar.gov.in की भी शुरुआत की जाएगी. इससे पहले इस योजना का शुभारंभ एक जून को होना था, लेकिन लॉकडाउन के चलते एक जून को शुरू नहीं हो सका था.
मुख्यमंत्री युवा और महिला उद्यमी योजनाओं में अगले तीन माह तक आवेदन किया जा सकेगा. बिहार में पहले से मुख्यमंत्री एससी-एसटी और अत्यंत पिछड़ा उद्यमी योजना चल रही है, जिसमें 10,00,000 रुपये तक आर्थिक सहायता सरकार दे रही है. मुख्यमंत्री युवा और महिला उद्यमी योजना में भी नया उद्यम शुरू करने के लिए राज्य सरकार दस लाख तक आर्थिक सहायता देगी.
बता दें कि इस योजना के तहत मिलने वाले कुल ऋण में पांच लाख रुपये अनुदान है. बाकी राशि 84 किस्तों में महिलाओं को बिना ब्याज के और सामान्य और ओबीसी वर्ग के लोगों को सिर्फ 1% की ब्याज के साथ लौटानी होगी. पहले स्वीकृत प्रोजेक्ट के लिए तीन किस्त में धनराशि दिए जाने का उद्योग विभाग ने प्रावधान किया था, लेकिन अब यह राशि दो किस्तों में ही दी जाएगी. कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद और रेणु देवी सहित उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन भी शामिल होंगे.
बता दें कि राज्य में अभी मुख्यमंत्री एससी-एसटी और अत्यंत पिछड़ा उद्यमी योजना चलाई जा रही है. अनुसूचित जाति, जनजाति के लोगों के लिए मुख्यमंत्री उद्यमी योजना लागू की गई थी. इसके तहत इस समाज के लोगों को दस लाख की मदद दी जा रही है. पांच लाख अनुदान और पांच लाख का सूदरहित ऋण के रूप में मदद की जा रही है.
बिहार में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अतिपिछड़ों के बच्चों के लिए प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना भी चलायी जा रही है. लेकिन अभी अतिपिछड़ा समाज के डेढ़ लाख सालाना आय वाले परिवार के बच्चों को ही इसका लाभ मिल रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे बढ़ाकर अनुसचित जाति, अनु. जनजाति के सदृश्य बढ़ाकर ढाई लाख की वार्षिक आमदनी करने की बात कही थी.