झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

सबका इक दिन समय बदलता है

सबका इक दिन समय बदलता है
*************************
कभी गिरता, कभी सम्भलता है
सबका इक दिन समय बदलता है

रात पूनम की या अमावस की
हर दिन सूरज यहाँ निकलता है

जिसे मिलता नहीं जो दुनिया में
उसको पाने को दिल मचलता है

जीत मिलती जहाँ भी अपने को
उसी ख़ुशियों से मन उछलता है

दूर जाते जो मन के पास मेरे
जल्द मिलने की इक विकलता है

साथ जितने खड़े हैं दुख में भी
दरअसल वो तेरी सफलता है

साथ रखना सुमन तू काँटे भी
सीधे लोगों को सब मसलता है

श्यामल सुमन