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सब्जी उत्पादक के रूप में अलग पहचान रखने वाले किसान यदुनाथ गोराई की कहानी

पटमदा प्रखंड के बांसगड़ अंतर्गत ग्राम चुड़दा के रहने वाले यदुनाथ गोराई एक प्रगतिशील किसान हैं। पढ़ाई में अच्छा होने के बावजूद घर की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण जब आगे की पढ़ाई जारी नहीं रख पाए तो इन्होने खेती-किसानी कार्य को अपना पेशा बना लिया। यदुनाथ गोराई बताते हैं कि इंटर की पढ़ाई विज्ञान संकाय से करने के कारण शुरू से ही खेती किसानी के कार्य में कुछ अलग करना चाहा जिसमें जिला कृषि पदाधिकारी मिथिलेश कालिंदी एवं कृषि विभाग और उद्यान विभाग का भरपूर सहयोग मिला।

श्री गोराई बताते हैं कि पढ़ाई में अच्छे थे जिसके कारण कृषि की नई तकनीकों को अच्छी तरह समझने में आसानी हुई। शुरुआती दौर में आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं रहने एवं खेत में सिंचाई की सुविधा नहीं होने के कारण इन्होने बरसाती मूली का उत्पादन शुरू किया। बरसात में मूली बाजार में कम ही मिलता है जिसके कारण इन्हें काफी लाभ मिला। खेती के कार्य में रूचि को देखकर भाईयों ने भी सहयोग किया जिसके कारण आज पटमदा क्षेत्र में वे सब्जी उत्पादक के रूप में अपनी अलग पहचान रखते हैं।

कृषि विभाग-उद्यान विभाग से सहयोग प्राप्त होने पर खेती का दायरा बढ़ाया, लीज पर जमीन लेकर करने लगे खेती

खेती-किसानी में आगे बढ़ने के उद्देश्य से कृषि विभाग, उद्यान विभाग एवं आत्मा के सम्पर्क में आने के बाद इन्होंने कृषि यंत्र, पंप सेट, स्प्रेयर एवं लिफ्ट इरिगेशन प्राप्त किया। साथ ही उद्यान विभाग से सब्जी के उन्नत बिचड़ा भी अनुदान पर उपलब्ध कराया गया। सब्जी की खेती में इनकी रूचि को देखते हुए प्रशिक्षण के लिए आत्मा के माध्यम से राज्य के बाहर भेजा गया ताकि उन्नत तकनीक का प्रयोग कर खेती कर सकें। श्री गोराई खेती का दायरा बढ़ाते हुए लीज पर जमीन लेकर खेती करने लगे साथ ही जिस किसान का वे जमीन लीज पर लेते उनको अपना सहयोगी के रूप में भी रखने लगे। अन्य किसानों से वे कुल मुनाफा का आधा- आधा लेते थे जिसके कारण खेती में रूचि रखने वाने किसान भी इनसे जुड़ते चले गए । इनके साथ काम करने वाले किसानों को भी कृषि विभाग द्वारा उपलब्ध अनुदान का लाभ मिलता है। यदुनाथ एवं इनसे जुड़े अन्य किसान आज साल भर खेती करते हैं।

यदुनाथ गोराई के खेतों में उगाई गई सब्जी जमशेदपुर के मंडी के अलावे दूसरे राज्यों जैसे पश्चिम बंगाल, बिहार, उड़िसा भेजा जाता है। वे बाजार भाव के अनुसार ही सब्जी अन्यत्र भेजते हैं । इनके साथ अभी करीब पचास से अधिक किसान सब्जी की खेती खासकर टमाटर की खेती में जुड़े हुए है जिन्हे वे रोजगार के साथ ही कृषि के नये तकनीक से अवगत कराते रहते हैं । टमाटर की खेती में यदुनाथ गोराई एक मिसाल हैं जो कि प्रति वर्ष कई तरह के टमाटर के प्रभेदों से खेती कर उत्पादन बढ़ा रहे हैं ।