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संविधान की रक्षा और उसका अनुपालन कराने का दायित्व अधिवक्ताओं पर सबसे ज्यादा: राजेश शुक्ल

संविधान की रक्षा और उसका अनुपालन कराने का दायित्व अधिवक्ताओं पर सबसे ज्यादा: राजेश शुक्ल

जमशेदपुर- झारखंड स्टेट बार कौंसिल के वाईस चेयरमैन और राज्य के वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश कुमार शुक्ल ने राज्य के अधिवक्ताओं को संविधान दिवस की शुभकामनाएं दी है और कहा है कि आज संविधान की रक्षा और उसके अनुपालन का सबसे ज्यादा और बड़ा दायित्व अधिवक्ताओं पर है। समाज उनसे बड़ी अपेक्षा रखता है।
श्री शुक्ल आज पटना में स्टेट बार कौंसिल द्वारा आयोजित भारतीय संविधान और अधिवक्ताओं का दायित्व नामक विषयक सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में आभाशी रूप से संबोधित कर रहे थे।
श्री शुक्ल ने कहा कि आज देश मे अंग्रेजो के बनाए कानून है इसलिए लोंगो को लम्बी न्यायिक प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है और न्याय मिलने में बिलम्ब होता है। कानून बेकार है जब उसका अनुपालन सुनिश्चित नही होता है जीवन नेचुरल लॉ से चलना है जबकि शासन कानून से चलता है किन्तु यह सुनिश्चित नहीं किया जा रहा है। भारत की न्यायपालिका पूरी तरह खरा उतरने की तरफ अग्रसर है कार्यपालिका को भी ऐसे निर्णय लेना चाहिए जो समाज कमजोर करने के बजाय मजबूती प्रदान करे। कानून संविधान से निकला है संविधान के आलोक में समाज की आवश्यकता के अनुसार कानून बनते हैं और उसमें संशोधन भी होते है।
श्री शुक्ल ने कहा कि न्यायालयों में वाद, प्रतिवाद और याचिकाओं का बोझ बढ़ रहा है। यदि अनावश्यक विवादों को न्यायालय में नहीं ले जाया जाय तो न्यायालय का समय बचेगा और गंभीर मामलों का निपटारा जल्दी हो पायेगा। हालांकि न्यायालय ऐसे लोंगों के विरुद्ध अब दंडात्मक कारवाई भी कर रहा है जो अनावश्यक और बेवजह के मामले दायर कर न्यायालय का समय नष्ट करने की कोशिश करते है। इससे न्यायिक व्यवस्था में एक बड़ा गुणात्मक परिवर्तन दिख रहा है जो सराहनीय है। इससे लोंगों का विश्वास पहले से भी ज्यादा न्यायालयों पर बढ़ा है। अधिवक्ता न्यायालयों और पीड़ित लोंगों के बीच की एक सबसे मजबूत और विश्वसनीय कड़ी है जो उन्हें न्याय दिलाने के लिए पूरी तत्परता, कर्मठता और मुस्तैदी से दायित्व निभाते है।
श्री शुक्ल ने अपने आधे घंटे के भाषण में कहा कि हमे संविधान के मूल अधिकारों और अवसर की समानता को समझते हुए कदम उठाना होगा। संविधान के मूल भूत अनुच्छेदों को समझ कर कदम बढ़ाना होगा संविधान हमें उच्च आदर्श स्थापित करने का मार्ग भी प्रशस्त करता है हमे उसका आदर करना चाहिए।
इस सेमिनार की अध्यक्षता बिहार स्टेट बार कौंसिल के वाईस चेयरमैन धर्मनाथ प्रसाद यादव ने किया जबकि सेमिनार को सर्वोच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के सचिव रोहित पाण्डे, बिहार स्टेट बार कौंसिल के सदस्य पंकज कुमार, जीतेन्द्र नारायण सिन्हा, सिवान जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष शम्भू दत्त शुक्ला, सर्वोच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के सदस्य अनुपम मिश्रा ने संबोधित किया