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संथाल समाज के विकास हेतु शिक्षा आवश्यक: डा धूनी सोरेन

संथाल समाज के विकास हेतु शिक्षा आवश्यक डा धूनी सोरेन

दुमका : दुमका ज़िले के रानीश्वर में भारत सेवाश्रम संघ दुमका शाखा के पाथरा स्थित स्वामी प्राणवा नंद बिद्या मंदिर में गुरुबार आदिवासी समाज की बिकास को लेकर हुई सेमिनार में एन आर आई डा.धूनी सोरेन ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत किया इस मौके पर विशिष्ठ अतिथि के रूप में सेवानिवृत बैंक अधिकारी सनातन मुर्मू एवं सामाजिक कार्यकर्ता सच्चिदा नंद सोरेन मौजूद थे आवासीय विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने आदिवासी परंपरा के तहत आगंतुकों का स्वागत किया तत्पश्चात उन अतिथियों ने अलचिकि लिपि के प्रवर्तक पंडित रघुनाथ मुर्मू एवं संथाल विद्रोह के नायक सिधो कान्हू के चित्र पर माल्यार्पण किया डा सोरेन ने आश्रम के पुस्तकालय को अपने स्वरचित पुस्तक भेंट किया अपने संबोधन में उन्होंने आवासीय विद्यालय के छात्रों को समाज के विकास के लिये शिक्षा पर बल दिया डा सोरेन 88 वर्ष के इस उम्र में भी वह झारखंड के गांवों में घूमघूम कर समाज के विकास को लेकर कार्य कर रहे हैं ।लंदन के निवासी डॉ सोरेन प्रत्येक वर्ष अपने जन्मभूमि संथाल परगना आते हैं साथ ही विभिन्न सामाजिक संगठनों से समाज के विकास को लेकर बैठक और विचार विमर्श करते हैं संस्कृति को बचाये रखने के लिये हाल ही में जमा प्रखंड के मांझी थान का उदघाटन किया हैं ।उन्होंने जिला प्रशासन के द्वारा प्रकाशित होड़ संवाद संथाली पत्रिका के विकास पर बल दिया हैं ।बताया हैं कि उस पत्रिका में अलचिकि एवं देवनागरी लिपि में प्रकाशित किया जाय । सेमिनार का मंच संचालन अध्यापक अभिनंदन मुर्मू ने किया धन्यवाद ज्ञापन स्वामी नित्यब्रता नंद महाराज ने किया
रपट: मोहित कुमार