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राँची के मोरहाबादी मैदान में पर्यावरण मेला कल से आरंभ होगा

राँची के मोरहाबादी मैदान में पर्यावरण मेला कल से आरंभ होगा मेले का उदघाटन 22 फरवरी को संध्या 4 बजे होगा। उदघाटन समारोह में झारखंड उच्च न्यायालय के माननीय न्यायमूर्ति डॉ एस.एन. पाठक उदघाटनकर्ता के रूप में और झारखंड सरकार के वित्तमंत्री  रामेश्वर उरांव तथा राँची विधानसभा के  विधायक सी पी सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।

मेले में प्रत्येक दिन शाम को उच्चस्तरीय सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा और प्रत्येक दिन दोपहर बाद पर्यावरण संरक्षण के विभिन्न आयामों से जुड़े विद्वानों और विशेषज्ञों का पर्यावरण संरक्षण के विशिष्ट पहुलओं पर व्याख्यान होगा और उनका मार्ग दर्शन मिलेगा और संगोष्ठी भी आयोजित की जायेगी। उदघाटन के दिन शाम को बनारस घराने के विख्यात शहनाई वादक  संजीव शंकर एवं श्री अश्विनी शंकर की जोड़ी की प्रस्तुति होगी। मेला प्रतिदिन सुबह 11 बजे आरंभ होगा और रात्रि 8.30 तक चलेगा।

मेला के दूसरे दिन 23 फरवरी को झारखण्ड के सभी जिलों में हुए चित्रांकन एवं निबंध प्रतियोगिता में शामिल रहे प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहे छात्रों के बीच राज्यस्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन होगा, जिसमें विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत एवं सम्मानित किया जायेगा। तदुपरांत छऊ नृत्य कलाकार अपने नृत्य का प्रदर्शन करेंगे।

24 फरवरी को ‘प्रदूषण और स्वास्थ्य पर इसके कुप्रभाव’ विषय पर संगोष्ठी आयोजित होगी। जिसमें कोलकाता के डॉ. मानस रंजन रे संबोधित करेंगे तथा स्थानीय स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी इसमें शामिल रहेंगे। तदुपरांत शाम को पाईका और कालबेलिया नृत्य का प्रदर्शन होगा।
25 फरवरी को ‘पर्यावरण की नीति एवं न्यायिक हस्तक्षेप’ विषय पर संगोष्ठी होगी, जिसकी अध्यक्षता झारखण्ड उच्च न्यायालय माननीय न्यायमूर्ति श्री अंबुजनाथ करेंगे और सर्वोच्च न्यायालय के वरीय पर्यावरणीय अधिवक्ता श्री एस.के. उपाध्याय व्याख्यान देंगे।
26 फरवरी को पर्यावरण संरक्षण के ‘पारम्परिक व्यवहार एवं वैश्विक पर्यावरणीय प्रशासन’ विषय पर संगोष्ठी होगी, जिसमें भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण विभाग के अवकाश प्राप्त महानिदेशक एस.के. कुमार एवं डॉलफिनमैन के नाम से विख्यात तथा माता वैष्णौ देवी केंद्रीय विश्व विद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आर.के. सिन्हा और आई-फॉरेस्ट के निदेशक  चंद्रभूषण शामिल होंगे। तदुपरांत शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत कलबैलिया जिप्सी नृत्य का प्रर्दशन होगा।
27 फरवरी को ‘तकनीक चालित विश्व में जीने का अभ्यास’ विषय पर संगोष्ठी होगी, जिसमें मुख्य वक्ता के रुप में केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और आईआईटी, दिल्ली के प्राध्यापक एवं शोधकर्ता प्रो0 एस.ई. हसनैन संबोधित करेंगे साथ ही नेशलन लॉ यूनिवर्सिटी झारखण्ड के कुलपति प्रो. वरुकुल्ला शामिल होंगे। तदुपरांत सांस्कृतिक कार्यक्रम के रुप में भोजपूरी गीत की प्रस्तुती होगी।
28 फरवरी को ‘कृत्रिम बुद्धिमता विकास का पर्यावरण पर प्रभाव’ विषय पर संगोष्ठी होगी। संगोष्ठी में भारत के जाने माने विशेषज्ञ  कुंदन कुमार लाल का व्याख्यान होगा।
एक मार्च को ‘पुर्नचक्रण एवं टिकाव विकास’ विषय पर संगोष्ठी होगी  जिसमें मुख्य वक्ता रिसाइक्लिंग एसोसिएसन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष  आर.पी. शर्मा होंगे।
2 मार्च को स्वास्थ्य एवं ‘पर्यावरण संरक्षण पर सीएसआर एवं सीईआर की भूमिका’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा तदोपरांत श्री संजय लाल द्वारा नाटक ‘सैंया भये कोतवाल’ का मंचन होगा।
3 मार्च 2023 को मेले का समापन होगा। इस अवसर पर प्रख्यात चिंतक गोविंदाचार्य के व्याख्यान से मेले का समापन होगा। तदुपरांत पद्म विभूषण तीजन बाई (पाण्डवाणी) की संगीत प्रस्तुती होगी।
मेला आयोजन का मुख्य उद्देश्य जनमानस में पर्यावरण के प्रति रुचि बढ़ाना और व्यक्तिगत एवं पारिवारिक स्तर पर पर्यावरण संरक्षण में आमजनों की भूमिका सुनिश्चित करने की दिशा में प्रयास आरंभ करना है।