झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय जमशेदपुर जुगसलाई बागबेड़ा शाखा की ओर से आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा

प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय जमशेदपुर जुगसलाई बागबेड़ा शाखा की ओर से आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के आध्यात्मिक रहस्य के सातवां दिन के कार्यक्रम महात्म्य बताते हुए कथावाचिका राजयोगनी ब्रह्माकुमारी कंचन दीदी ने बताया कि
. आत्मा और परमात्मा सत्य परिचय बताया गया।
. स्वर्ग में एक सीट खाली है, कहानियां के माध्यम से स्पष्टीकरण किया।
. कर्म ना करो ऐसे भाई जो एक दिन पड़ेगा पछताना गीत के बोल स्पष्टीकरण किया गया।
. भागवत कथा नये जीवन की शुरूआत हैं।
.अब समय है, कोई चाहे न चाहे हम सभी को सृष्टि से वापस जाना है, तो क्यों न हम हंसते हुए इस सृष्टि से वापिस जाएं।
. ये जीवन थोड़े समय हैं,न जाने कब श्वास का अंत हो जाएं,कुछ श्रेष्ठ कर्म कर ले।
. ये जीवन मुसाफिर खाना है। हम सभी को यात्रा पूरी कर अपने परमधाम को जाना।
. वह परमधाम परमात्मा का भी धाम है, और हमारा भी स्थायी घर वहीं है।
. ये सृष्टि चार युगों का चक्र है, सतयुग, त्रेता युग, द्वापर युग, कलियुगी,यह समय इस सृष्टि नाटक का परम कल्याणकारी भाग्य बनाने की श्रेष्ठ वेला संगम युग का समय है।
. स्वास्तिक का भी अर्थ के बारे बताया लाये तरफ सतयुग, त्रेता युग और बारे तरफ द्वापरयुग, कलियुग महात्म्य को बताई।
. श्री कृष्ण और सुदामा का मंगल मिलन झांकी के माध्यम से प्रदर्शित कराई गई सर्वप्रथम उपस्थित अतिथियों के द्वारा श्री भागवत और भोलेनाथ शिव बाबा के शिवलिंग की आरती पुष्पांजलि हुई इस मौके पर समाज के सम्मानित अतिथि गण के द्वारा संपन्न एवं प्रारंभ हुआ। नित्यानंद प्रसाद, जुगसलाई थाना प्रभारी, प्रवेश चांद सिंह, बागबेड़ा थाना प्रभारी, नलिनी सिंन्हा महिला जिला कांग्रेस की अध्यक्षा, संतोष ठाकुर उपमुखिया शामिल थे