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प्रदेश की सबसे बड़ी कपड़ा मिल ओरियंट क्राफ्ट के बंद होने से भाजपा चिंतित, सरकार से निवेशकों को रोकने की मांग की।

टेक्सटाईल कंपनियों के पलायन से प्रदेश में बढ़ेगी बेरोजगारी: गुंजन यादव

जमशेदपुर, प्रदेश की सबसे बड़ी कपड़ा मिल ओरियंट क्राफ्ट पर ताला लग गया है। रांची स्थित कंपनी की दोनों इकाइयों में ताला लगने से सूबे के पांच हजार युवक-युवतियां बेरोजगार हो गए हैं। प्रदेश में चौबीस सौ करोड़ निवेश वाली ओरियंट क्राफ्ट के बंद होने से भाजपा ने चिंता जाहिर की है। भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव ने प्रेस-विज्ञप्ति जारी कर इसे सरकार की विफलता बताया। उन्होंने कहा कि पूर्व की रघुवर दास के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने बेहतर माहौल निर्माण कर राज्य में निवेशकों को आकर्षित किया था। निवेशकों में बढ़े विश्वास व बेहतर टेक्सटाईल पॉलिसी से प्रदेश में टेक्सटाईल कंपनियां स्थापित हुई जिससे यहाँ के युवक-युवतियों को रोजगार मिला। परंतु नई सरकार गठन के मात्र आठ महीने में ऐसी बड़ी कंपनियों का मोह भंग हो जाना प्रदेश के लिए चिंताजनक है। कई अन्य कपड़ा मिल की कंपनियां भी प्रदेश से जाने की तैयारी में है। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास का स्पष्ट मत था कि टेक्सटाइल के क्षेत्र में सबसे अधिक रोजगार है। इसी पर कार्य करते हुए उन्होंने अरविंद मिल्स, ओरियंट क्राफ्ट, किशोर एक्सपोर्ट्स समेत अन्य नामी कंपनियों के उद्योग झारखंड में लगवाए। जहाँ एक समय प्रदेश की पहचान ‘सकैम झारखंड’ के रूप में थी, वहीं रघुवर सरकार के दौरान ‘स्किल झारखंड’ के रूप में पहचान बनी। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हाल के दिनों में आयी रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में बेरोजगारी पूरे देश में सबसे अधिक हो गयी है। राज्य में युवाओं की बढ़ती बेरोजगारी, वापस आये प्रवासी मजदूरों का दूसरे राज्य में पुनः वापस पलायन, वैश्विक महामारी में कोरोना पीड़ितों के प्रति लापरवाही, कोई नई योजना का धरातल पर न उतरना, आठ माह में झारखंड को विकसित करने के लिए राज्य सरकार की न कोई निति- निर्धारण दिखाई दिए हैं और न ही कोई प्रयास। इन सबके अतिरिक्त ऐसे गंभीर व जनहित के मुद्दों पर कार्य करने के बजाय मुख्यमंत्री जी की प्राथमिकता बीएमडब्ल्यू कार की सवारी, ट्रांसफर-पोस्टिंग पर रही है। उन्होंने राज्य सरकार से निवेशकों को रोकने की मांग की है, कहा कि अगर निवेशक एक बार प्रदेश से वापस चले गए तो निवेशकों के विश्वास को पुनः हासिल करना कठिन चुनौती होगी।