पर दिल से कंगाल हुए हैं
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यूँ तो मालामाल हुए हैं
पर दिल से कंगाल हुए हैं
केवल रुपयों की बातें ही
लगता है टकसाल हुए हैं
मातु पिता भी बच्चों खातिर
अब जी का जंजाल हुए हैं
कहने को तो लाल बहुत पर
कितने माँ के लाल हुए हैं
बदले तब हालात हमारे
जब जब सही सवाल हुए हैं
इतिहासों में झाँको, सीखो
क्या क्या यहाँ कमाल हुए हैं
मीठी बोली सुमन सुने बिनु
लगता कितने साल हुए हैं
श्यामल सुमन
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