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पारंपरिक आदिवासी विशु शिकार पर्व संपन्न, सेंदरा समिति के निर्णय पर नहीं हुआ किसी जानवर का शिकार

*पारंपरिक आदिवासी विशु शिकार पर्व संपन्न, सेंदरा समिति के निर्णय पर नहीं हुआ किसी जानवर का शिकार*

प्रत्येक वर्ष मनाया जाने वाला पांरपरिक आदिवासी विशु शिकार इस वर्ष भी 23 मई एवं 24 मई को मनाया गया। इस वार्षिक अनुष्ठान से जुड़ी हुई भावनाओं को ध्यान में रखते हुए वन विभाग के द्वारा एक सुनियोजित एवं संगठित तरीके से निम्नांकित कदम उठाए गए जिनसे जंगली जानवरों के शिकार पर रोक लगाई जा सके-
उप वन संरक्षक एवं क्षेत्र निदेशक, गज परियोजना, जमशेदपुर द्वारा दलमा राजा राकेश हेम्ब्रम से सभी स्थानीय लोगों से यह आग्रह करने का अनुरोध किया गया कि इस पारंपरिक पर्व में किसी जंगली जानवर का शिकार नहीं करें। उनके द्वारा भी स्पष्ट आश्वासन दिया गया कि वैश्विक कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न हुई गंभीर स्थिति के परिपेक्ष्य में इस वर्ष उनके द्वारा भी किसी भी व्यक्ति या दल को इस पर्व में भाग लेने हेतु आमंत्रित नहीं किया जायेगा।
22.मई को दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी के दोनों प्रक्षेत्रों के वनरक्षियों द्वारा अपने अपने क्षेत्र में सधन गश्ती की गई। इस गश्ति के दौरान आश्रयणी के विभिन्न नदी नालों एवं जलश्रोतों के आस पास के इलाके पर विशेष रूप से ध्यान दिया गया क्योंकि इसी इलाके में ही शिकार को फंसाने के लिए जाल फांस लगाने के दृष्टिकोण से अनुकूल होते हैं। वरीय पुलिस अधीक्षक से अनुरोध किया गया था कि विभिन्न संवेदनशील स्थलों जहाँ से विशु पर्व हेतु लोगों के आने की संभवना है उन जगहों पर विशेष चौकसी प्रदान करने का आग्रह किया गया था। गोबिन्दपुर थाना अन्तर्गत गदड़ा-गोविन्दपुर से आने वाले वाहन जिसमें सेंदरा हेतु आने वाले लोगों को रोकना। बोड़ाम थाना अन्तर्गत शशांकडीह गाँव से जंगल में प्रवेश करने वाले लोगों को रोकना। पटमदा थाना अन्तर्गत बेलटाँड़ संवेदनशील ग्राम क्रिटिंग पश्चिम बंगाल से आने वाले लोगों को रोकना तथा पोटका थाना अन्तर्गत हाता,पोटका से सेंदरा हेतु प्रस्थान पर रोक हेतु आग्रह किया गया था।
विशु शिकार के लिए निर्धारित तिथियों के कुछ दिनों पहले से ही विभाग के द्वारा वनों की सुरक्षा एवं उनमें में निवास करने वाले विभिन्न वन्य प्राणियों के संरक्षण हेतु स्थानीय लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए अनेकों बैठक का आयोजन किया गया। विशु शिकार के दौरान प्रायः देखा गया है कि आस पास के जिले के लोग भी इस पर्व में भाग लेने के लिए आश्रयणी में आते हैं। जंगली जानवरों के शिकार को रोकने के लिए एवं इस पर्व की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रशासन के अन्य उच्च पदाधिकारियों के साथ भी समन्वय स्थापित किया गया। मुख्य वन संरक्षक, वन्य प्राणी द्वारा अपने स्तर से आरक्षी महानिरीक्षक एवं प्रमंडलीय आयुक्त से संपर्क स्थापित किया गया था तथा वन संरक्षक ,वन प्रमण्डल पदाधिकारियों एवं वन क्षेत्र पदाधिकारियों पर गठित गश्ती दलों के कार्यों का समन्वय एवं अनुश्रवण किया गया। जिला स्तर पर एक कार्य उप वन संरक्षक एवं क्षेत्र निदेशक, गज परियोजना, जमशेदपुर के द्वारा किया गया। विशु शिकार के नियंत्रण हेतु 23 मई एवं 24 मई को सधन गश्ति के लिए दस अलग अलग पथों का चयन किया गया। यह सभी पथ उन क्षेत्रों से होकर गुजरते है जो शिकार के दृष्टिकोण से संवेदनशील माने जाते हैं या फिर वैसे स्थल जहाँ से दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी में प्रवेश किया जा सकता है। चूंकि इस कार्य में अत्यधिक मात्रा में बल की आवश्यकता थी इसलिए जमशेदपुर प्रक्षेत्र के विभिन्न प्रमंडलों में पदस्थापित सहायक वन संरक्षक, वनों के क्षेत्र पदाधिकारी, वनपाल एवं वनरक्षियों को शामिल किया गया।
23 मई को वन चेतना केन्द्र, मानगो में मुख्य वन संरक्षक, वन्य प्राणी की अध्यक्षता में एक विवरण सत्र का आयोजन किया गया जिसके जमशेदपुर प्रक्षेत्र के सभी पदाधिकारी एवं वनकर्मी उपस्थित हुए। इस सत्र में मुख्य वन संरक्षक, वन्य प्राणी द्वारा सभी उपस्थित व्यक्तियों को विशु शिकार के विभिन्न पहलुओें से अवगत कराया गया। इस बैठक में उप वन संरक्षक एवं क्षेत्र निदेशक के द्वारा विभिन्न गश्ति पथों के बारे में बताया गया तथा सभी उपस्थित वनकर्मियों को विशु शिकार के नियत्रंण के लिए उचित मार्ग दर्शन दिया गया। तदोपरांत सभी दलों के द्वारा अपने अपने निर्धारित गश्ति पथों पर देर रात तक गश्ति की गई। इसके अतिरिक्त आस पास के ग्रामों में जागरूकता फैलाने के लिए संध्या के समय प्रोजेक्टर के माध्यम से लोगों को वन एवं वन्य प्राणी संरक्षण संबंधी विडियो दिखाया गया। वन एवं वन्यप्राणियों की सुरक्षा एवं महत्व के बारे में ग्रामीणों को प्रेरित किया गया था तथा वन्यप्राणियों की शिकार नहीं करने जिससे कि वन्यप्राणियों के लुप्त होने के बारे में बताया गया था। वन्यप्राणियों से ही प्रकृति का पारिस्थितिकी संतुलन बनाये रखने में महत्वपूर्ण योगदान निभाने का सूचना दी गयी थी। जिसे इस प्रकृति में बाढ़, चक्रवात एवं ज्वालामुखी जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है।
उप वन संरक्षक द्वारा राकेश हेम्ब्रम,देश प्रधान दलमा बुरू सेंदरा समिति, पूर्वी सिंहभूम, दादा समीर एवं फकीर चन्द्र सोरेन को पत्र के माध्यम से निर्धारित लाॅकडाउन में भीड़ नहीं करने तथा संकेतिक रूप से विशु पर्व मनाने हेतु अनुरोध किया गया था। दलमा राजा राकेश हेब्रम के द्वारा सामाचार पत्र के माध्यम से सूचित किया गया है कि कोरोना महामारी को देखते हुए इस वर्ष दलमा वन्यप्राणी आश्रयणी में शिकार नहीं करने का निर्णय लिया गया था। विशु पर्व के इतिहास में पहली बार सेंदरा समिति ने शिकार नहीं करने का निर्णय दलमा राजा राकेश हेब्रम के नेतृत्व में 21 मई को गदड़ा में आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया था। 22 मई की शाम दलमा बुरू सेंदरा समिति के सदस्य फदलोगोड़ा में साधारण पूजा-पाठ कर वापस अपने घरों की ओर लौट जाने का निर्णय लिया गया था। 23 मई दिन रविवार की सुबह फदलोगोड़ा गए जहाँ वनदेवी की पूजा पारम्परिक रिति रिवाज के साथ किया गया।
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*मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने राज्य के सभी मंत्रियों के साथ वेबिनार के जरिए राज्य में कोरोना संक्रमण की अद्यतन स्थिति तथा रोकथाम एवं नियंत्रण से संबंधित तैयारियों को लेकर विचार-विमर्श किया।*

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज अपने आवासीय कार्यालय से वेबिनार के जरिए राज्य के सभी मंत्रियों के साथ कोरोना संक्रमण की अद्यतन स्थिति, रोकथाम एवं नियंत्रण तथा आगे की रणनीति कैसी हो इससे संबंधित तैयारियों को लेकर विचार विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से गुजर रहे हैं। संक्रमण की दूसरी लहर काफी घातक साबित हुआ है। हम सभी ने कई परिचितों, सगे संबंधी तथा रिश्तेदारों को खोया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के लोगों की सहनशीलता इस बात का परिचायक है कि कोई भी मुसीबत हो हम घबराते नहीं बल्कि चुनौतियों का डटकर सामना करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि संक्रमण की दूसरी लहर का आभास पहले से था परंतु देश में लॉकडाउन को लेकर असमंजस की स्थिति रही ।अंततः राज्यों ने अपने स्तर पर निर्णय लेते हुए लॉकडाउन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने 24 अप्रैल 2021 से स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह का निर्णय लिया जो काफी प्रभावी और सकारात्मक साबित हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की 75% जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में वास करती है। राज्य सरकार की चिंता जीवन और जीविका दोनों की रही है। यही कारण है कि स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को तीन बार बढ़ाया गया किंतु प्रत्येक बार आम लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए निर्णयों में फेरबदल किए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के दौरान अंतर्राज्यीय मूवमेंट तो बंद किया ही साथ ही साथ इंटर डिस्ट्रिक्ट मोमेंट पर भी ई-पास की व्यवस्था बनाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि झारखंड के चौबीस जिलों में तेईस जिले किसी न किसी राज्य के बॉर्डर क्षेत्र पर हैं। इसलिए थोड़ी कड़ाई आवश्यक थी। आज हम यह कह सकते हैं कि राज्य अच्छे निर्णयों के साथ आगे बढ़ रहा है और हम संक्रमण दर को 50% से ज्यादा कम करने में सफल हुए हैं। राज्यवासियों को संक्रमण से बचाना सरकार की पहली प्राथमिकता है। हम कोरोना संक्रमण के तीसरे लहर की आशंका को देखते हुए तैयारी में लगे हैं। राज्य सरकार तीसरे लहर को नियंत्रित करने निमित्त विशेषज्ञों तथा विशेषज्ञ शिशु रोग चिकित्सकों के सुझाव के साथ आगे की कार्य योजना बना रही है।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि आज की बैठक में राज्य के सभी मंत्रियों द्वारा मिले सुझावों के अनुरूप ही आगे का निर्णय सरकार लेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी के सुझावों पर ध्यान रखते हुए राज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में कल से ही मेडिकल किट तथा आवश्यक दवाइयां पहुंचाने का कार्य किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी की चिंता जायज है कि वैक्सीनेशन कार्य में तेजी आए । मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक चालीस लाख वैक्सीन ही उपलब्ध हुए हैं। राज्य सरकार इस निमित्त लगातार केंद्र के साथ समन्वय स्थापित किया है तथा अपने स्तर से अधिक मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध हो इसके लिए प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि आज से पैंतीस दिन पहले पूरे राज्य में अफरा-तफरी के हालात थे। शहर में चारों ओर एंबुलेंस के सायरन की आवाजें गूंजती थी परंतु राज्य सरकार एवं आप सभी के सहयोग से हालात पर काबू पाया गया। आज स्थिति नियंत्रण में दिख रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर के साथ-साथ अब राज्य सरकार का पूरा फोकस ग्रामीण क्षेत्रों में है। ग्राम स्तर पर सर्वे एवं जांच प्रोटोकॉल योजना की शुरुआत की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत दस दिनों का ट्रेसिंग, टेस्टिंग तथा ट्रीटमेंट ड्राइव चलाया जाएगा। स्वास्थ्य कर्मी ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर तक पहुंचकर जांच तथा उपचार सुनिश्चित करेंगे। इन दस दिनों के फीडबैक के बाद राज्य सरकार आगे की कार्य योजना बनाएगी। पंचायत स्तर पर सेंटर बनाया जा रहा है जहां ऑक्सीजन तथा जांच किट एवं आवश्यक दवाइयां उपलब्ध रहेंगी। राज्य सरकार का प्रयास है कि वैक्सीनेशन से पहले लोगों का स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित हो तथा जो स्वस्थ हैं उनका ही वैक्सीनेशन किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार राज्य के हर दूसरे घर में कोविड किट उपलब्ध कराएगी। प्रत्येक प्रखंड में दो एंबुलेंस संक्रमित मरीजों को हॉस्पिटल पहुंचाने के लिए सुनिश्चित किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरे राज्यों से प्रवासी मजदूर भारी संख्या में वापस लौट रहे हैं उन्हें ग्रामीण स्तर पर जांच करने की व्यवस्था दुरुस्त की गई है।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि राज्य के सभी जिला तथा प्रमंडल अस्पतालों को ऑक्सीजन युक्त अस्पताल बनाने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। राज्य सरकार की आयुष विभाग ने भी कोरोना किट के माध्यम से दवाइयां उपलब्ध कराने का कार्य कर रही है। हम संक्रमण को काबू कर पाने में सक्षम हो रहे हैं। राज्य में पॉजिटिव मरीजों की संख्या में कमी हुई है यह एक सुखद अनुभव है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी लोग एक साथ मिलकर कार्य करेंगे और इस जंग को निश्चित रूप से जीतेंगे।
ग्रामीण विकास विभाग एवं संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किए गए सकारात्मक प्रयास से स्थिति नियंत्रण में दिख रही है। दूसरे राज्यों से आने वाले शत प्रतिशत श्रमिकों की आरटीपीसीआर जांच सुनिश्चित की जाएगी तब ही ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण की दर घटेगी। उन्होंने लॉकडाउन में ई-पास निर्गत किए जाने वाले कार्य को सराहनीय बताया तथा ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाले भीड़ पर अंकुश लगाने का सुझाव दिया। मंत्री आलमगीर आलम ने स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को एक सप्ताह बढ़ाए जाने का सुझाव दिया। उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों में उपचार के जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए जाने की बात कही।
योजना सह वित्त एवं खाद्य सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में अच्छे कार्य हुए हैं। परंतु ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी और मुस्तैदी से कार्य किए जाने की आवश्यकता है। सरकार के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ रहा है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में शादी विवाह में होने वाले भीड़ पर चिंता व्यक्त की तथा किस प्रकार नियंत्रित किया जाए इस पर विचार करने की बात कही। मंत्री रामेश्वर उरांव ने सरकार द्वारा किसानों के धान खरीद को लेकर सुझाव दिए। ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीनेशन पर टारगेट फिक्स किए जाने तथा राज्य में फिजियोथैरेपी चिकित्सा की व्यवस्था कराए जाने की बात कही।
श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि चतरा जिले में स्थिति नियंत्रण में है। जिला प्रशासन द्वारा बेहतर कार्य किया जा रहा है। जिले में डॉक्टर तथा मेडिकल स्टाफ बढ़ाए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मैं स्वयं ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर लोगों को वैक्सीनेशन के लिए जागरूक कर रहा हूं। उन्होंने राज्य सरकार से जिले में एंबुलेंस बढ़ाए जाने की बात कही। मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने मुख्यमंत्री के कार्यों को सराहा तथा आभार व्यक्त किया।
अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि जिले में कोरोना की वजह से हुई अफरातफरी के माहौल से निजात मिली है। आदित्यपुर तथा जमशेदपुर जैसे शहरी क्षेत्रों में संक्रमितों की संख्या में भारी कमी आई है। उन्होंने स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को और आगे बढ़ाने पर सहमति जताई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जीविका तथा जीवन दोनों का ख्याल रखते हुए निर्णय ले रही है। मंत्री चंपई सोरेन ने संभावित कोरोना संक्रमण के तीसरे लहर की व्यवस्था तथा कल्याण विभाग के सभी अस्पतालों को बेहतर तरीके से संचालित किए जाने की बात कही। उन्होंने वैक्सीनेशन कार्य के लिए प्रचार-प्रसार किए जाने की बात कही।
महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग कि मंत्री जोबा मांझी ने राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन के द्वारा किए जा रहे कार्यों को सराहा। उन्होंने बताया कि उनके क्षेत्र में अब सर्दी -खांसी जैसी बीमारियों पर भी नियंत्रण दिख रहा है। उन्होंने जिलों में रिक्त पदों को भरने को लेकर मुख्यमंत्री के समक्ष बातें रखीं। मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि 18 वर्ष से ऊपर वाले लोगों के वैक्सीनेशन कार्य में तेजी लाने की जरूरत है तथा नेटवर्क नहीं रहने के कारण रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है इस पर विचार करने की जरूरत है।
स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के मंत्री बन्ना गुप्ता ने मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हो रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रतिबद्धता से किए जा रहे कार्यों के बदौलत राज्य विकट परिस्थितियों से निकल रहा है। उन्होंने कहा कि ई पास की जटिलताओं को थोड़ा सरल करने की आवश्यकता है। प्रेस-मीडिया तथा विभिन्न कंपनियों में कार्यरत लोगों को संस्थाओं द्वारा निर्गत पास को ही ईपास का दर्जा दिया जाए। मंत्री बन्ना गुप्ता ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित किए जाने की बात कही। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीनेशन कार्य को सरल और सुगम बनाए जाने की बात कही। स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को बढ़ाए जाने पर उन्होंने सहमति जताई।
कृषि मंत्री पत्रलेख बादल ने किसानों के फसलों पर उचित मूल्य नहीं मिल पाने पर चिंता जताई। उन्होंने फूड प्रोसेसिंग तथा एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में राज्य सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया। उन्होंने संभावित आगामी 25 मई से 28 मई तक चक्रवाती तूफान से होने वाले संभावित नुकसान के संदर्भ में मुख्यमंत्री को अवगत कराया तथा 25 से 28 मई तक पूर्ण लॉकडाउन किए जाने पर विचार करने की बात कही। मंत्री श्री बादल ने एफसीआई द्वारा चतरा, गढ़वा तथा पलामू जिले में लक्ष्य से कम धान क्रय किए जाने को लेकर चिंता जताई तथा मुख्यमंत्री से इस पर संज्ञान लेने का अनुरोध किया। उन्होंने वैक्सीनेशन कार्य में कम्युनिटी लीडर को शामिल किए जाने की बात रखी। मंत्री श्री बादल ने नेपाल से मजदूरों को वापस लाने के कार्य को सकारात्मक पहल बताया। उन्होंने मुख्यमंत्री से खाद्य तथा बीज वितरण में कार्यरत वैसे लोग जो अभी कोरोना संक्रमण की ड्यूटी में लगे हैं उन्हें मुक्त किए जाने पर विचार किए जाने की बात कही।
पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने सीमित संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए राज्य सरकार को सराहा। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से अब निजात मिलती दिख रही है। उन्होंने प्रवासी मजदूरों को रेलवे स्टेशनों पर ही कड़ाई से जांच सुनिश्चित किए जाने की बात कही। मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को एक सप्ताह बढ़ाए जाने को लेकर सहमति जताई। उन्होंने राज्य के सभी प्रमंडलों में कोबास आरटीपीसीआर मशीन की व्यवस्था करने की बात कही। मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने संभावित कोरोना संक्रमण के तीसरे लहर को ध्यान में रखते हुए अस्पतालों में चाइल्ड केयर वार्ड बनाने के कार्य में गति लाने की बात कही। उन्होंने एफसीआई के प्रति नाराजगी जताते हुए कहा कि एफसीआई तानाशाही रवैया अपना रहा है। धान क्रय केंद्रों पर किसानों के धान बिखरे पड़े हैं।
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री हफीजुल अंसारी ने कहा कि मनरेगा के तहत कुआं खुदाई का भुगतान जल्द करने की दिशा में कार्रवाई करने की जरूरत है। उन्होंने कहां कि राज्य सरकार रोजगार ओरिएंटेड कार्यक्रम चलाए। उन्होंने कोरोना संक्रमण से मृत लोगों के परिवारों को विधायक फंड से सहायतार्थ राशि देने की बात कही। मंत्री श्री अंसारी ने हजारीबाग में हुए सिलेंडर चोरी मामले में एक विशेष समुदाय को टारगेट किए जाने की बात कही तथा राज्य सरकार से इस पर संज्ञान लेने की बात भी कही। उन्होंने कोविड-19 का पालन करते हुए टेंडर निकाल कर सड़क पुलिया निर्माण कार्य में तेजी लाने निमित्त राज्य सरकार से अनुरोध किया।
वेबिनार में मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय से राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह,विकास आयुक्त सह अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, नगर विकास सचिव विनय कुमार चौबे तथा एनआरएचएम के अभियान निदेशक रवि शंकर शुक्ला सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।*
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*चक्रवात तूफान यास के 26 मई को पूर्वी सिंहभूम से टकराने की है संभावना, जिला उपायुक्त ने वरीय पदाधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारियों की समीक्षा करते हुए दिए आवश्यक दिशा-निर्देश*

समाहरणालय सभागार, जमशेदपुर में जिला उपायुक्त सूरज कुमार ने आज चक्रवात तूफान यास के निमित्त जिला प्रशासन की तैयारियों को लेकर वरीय पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। गौरतलब है कि बंगाल की खाड़ी से उठने वाले चक्रवात तूफान यास (YAAS CYCLONE) के 26 मई को पूर्वी सिंहभूम जिला से टकराने की संभावना है। इस दौरान पूर्वी सिंहभूम जिले में तेज बारिश, वज्रपात एवं भीषण आंधी-तूफान हो सकता है जिसको देखते हुए जिला उपायुक्त ने सभी पदाधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि गांव-गांव टीम भेजकर लोगों को जागरूक करें कि आंधी-बारिश के दौरान वे घरों से बाहर नहीं निकलेंगे,आसमानी बिजली गिरने से जानमाल के नुकसान की आशंका रहती है ऐसे में सभी लोग अपने घर मे ही सुरक्षित रहेंगे। जिला उपायुक्त के निर्देशानुसार जिला नियंत्रण कक्ष, बिजली विभाग और सभी प्रखंड तथा नगर निकाय में किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने और तत्काल सूचनाओं के संप्रेषण के लिए कंट्रोल रूम स्थापित करते हुए संपर्क करने के लिए फोन नंबर जारी किए गए हैं । वहीं नगर निकायों और सभी प्रखंड में शेल्टर हाउस चिन्हित कर लिए गए हैं तथा शेल्टर हाउस में आवश्यक मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध करा दिया गया है । वहीं आज से ही माइकिंग के माध्यम से लोगों को चक्रवात तूफान को लेकर जागरूक करना शुरू कर दिया गया । लोगों को आंधी-बारिश के दौरान घरों से बाहर नहीं निकलने की अपील की गई है ताकि जानमाल सुरक्षित रह सकें। जिला प्रशासन सभी जिलेवासियों से अपील करता है कि चक्रवात तूफान के दौरान घरों से बाहर नहीं निकलें, आंधी-बारिश के दौरान पेड़ के नीचे नहीं ठहरें, नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों या शेल्टर हाउस भेजने को लेकर जिला प्रशासन सजग है।
*जिला/प्रखण्ड व बिजली विभाग के कन्ट्रोल रूम के संपर्क नम्बर निम्नवत हैं-*
1. जिला नियंत्रण कक्ष- 0657-2440111, 9431301355, 8987510050
2. जमशेदपुर अक्षेस – 7004787828, 7070523814
3. मानगो नगर निगम – 8709006752, 8987586386, 9771500365
4.जुगसलाई नगर परिषद – 7761866441, 7979962972
5.जमशेदपुर प्रखण्ड – 8825391398, 9955459571
6.पटमदा प्रखण्ड – 7258915287, 9608877845
7.पोटका प्रखण्ड – 9798397740, 9110117720
8.गुड़ाबन्दा प्रखण्ड – 9905500900, 9835927621
9.घाटशिला प्रखण्ड – 8271515939, 8789095718
10.धालभूमगढ़ प्रखण्ड- 9304558615, 9955101621
11.मुसाबनी प्रखण्ड- 9954344893, 8084166799
12.बहरागोड़ा प्रखण्ड – 7250996698
13.चाकुलिया प्रखण्ड – 8271828019
14.बोड़ाम प्रखण्ड – 8541895400, 8092153325
15.डुमरिया प्रखण्ड- 7462903310, 9973119320
16.विद्युत प्रमंडल, जमशेदपुर 9431135915
17.विद्युत प्रमंडल, घाटशिला 9431135917
18.विद्युत प्रमंडल मानगो 9431135905
*इस बैठक में उप विकास आयुक्त परमेश्वर भगत, एसडीएम धालभूम नीतीश कुमार सिंह, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर नंद किशोर लाल, निदेशक एनईपी ज्योत्सना सिंह, जिला आपूर्ति पदाधिकारी राजीव रंजन, निदेशक डीआरडीए सौरभ सिन्हा, जिला योजना पदाधिकारी अजय कुमार अजय कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी दिनेश रंजन, स्वास्थ्य विभाग से सिविल सर्जन डॉ ए के लाल, एसीएमओ डॉ साहिर पाल तथा अन्य कई मौजूद थे
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*मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कोरोना संक्रमण के उन्मूलन हेतु “ग्राम स्तर पर सर्वे एवं रैपिड एंटीजन जांच कार्यक्रम” का ऑनलाइन शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में पूर्वी सिंहभूम समाहरणालय सभागार से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी सूरज कुमार, उप विकास आयुक्त परमेश्वर भगत, एसडीएम धालभूम नीतीश कुमार सिंह, सिविल सर्जन, एसीएमओ, निदेशक एनईपी, निदेशक डीआरडीए, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर, वैक्सीनेशन कोषांग के नोडल सह जिला आपूर्ति पदाधिकारी, जिला योजना पदाधिकारी, जिला परिवहन पदाधिकारी के साथ अन्य पदाधिकारी जुड़े
पूर्वी सिंहभूम समाहरणालय सभागार में “ग्राम स्तर पर सर्वे एवं रैपिड एंटीजन जांच कार्यक्रम” के तहत गठित जमशेदपुर सदर की एक टीम के साथ मुख्यमंत्री ने किया संवाद, टीम को सांकेतिक रूप से उपलब्ध कराया गया मेडिकल किट*

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज अपने आवासीय कार्यालय से कोरोना संक्रमण के उन्मूलन हेतु “ग्राम स्तर पर सर्वे एवं रैपिड एंटीजन जांच कार्यक्रम” का ऑनलाइन शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी में ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष फोकस रखा जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव के लोगों की मानसिक स्थिति, बीमारी और पीड़ा को जानने के लिए ग्राम स्तर पर “ग्राम स्तर पर सर्वे एवं रैपिड एंटीजन जांच कार्यक्रम” की शुरुआत हुई है। कार्यक्रम के तहत गठित टीम द्वारा घर-घर पहुंच कर लोगों की स्वास्थ्य जांच तथा उपचार सुनिश्चित किया जाएगा। सरकार की स्वास्थ्य सुविधाएं आप तक पहुंचे इस निमित्त कार्यक्रम की रूपरेखा तय की गई है। इस कार्यक्रम में मुखिया, आंगनवाड़ी सेविका-सहायिका, एएनएम, जेएसएलपीएस की दीदियां, सहिया सहित अन्य फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स के सहयोग से कार्यक्रम की शुरुआत तथा कार्यक्रम के लक्ष्य को पूरा किया जाएगा। संक्रमण के इस दौर में लोगों की समस्याओं को दूर करना सरकार की प्राथमिकता है। हम सभी मिलकर संक्रमण को पीछे धकेलने का काम कर रहे हैं। इस बार का संक्रमण काफी घातक है। जानकारी के अभाव के कारण लोग जान जोखिम में डाल रहे हैं। लोगों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि “ग्राम स्तर पर सर्वे एवं रैपिड एंटीजन जांच कार्यक्रम” को सफल बनाने के लिए गठित टीम के सदस्यों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है। ट्रेनिंग के बाद वे स्वयं को सुरक्षित रखते हुए दूसरों को सुरक्षित करने में अपनी भूमिका निभाएंगे।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि झारखंड प्रदेश की 75 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्र में निवास करती है,हमें उन तक हर हाल में पहुंचना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार कार्य योजना बनाते हुए संक्रमण से लड़ाई जारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण नियंत्रण के मामले में देश के कई समृद्ध और अग्रणी राज्यों से बेहतर स्थिति झारखंड की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमित संसाधनों का बेहतर उपयोग करते हुए राज्य सरकार आगे बढ़ रही है। हर हाल में राज्य के सवा तीन करोड़ लोगों तक वैक्सीन पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है। मौके पर रांची जिले की टीम को सर्वे एवं रैपिड एंटीजन जांच हेतु किट उपलब्ध कराया गया।
इस मौके पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने “ग्राम स्तर पर सर्वे एवं रैपिड एंटीजन जांच कार्यक्रम” को सकारात्मक पहल बताया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के संकल्पित प्रयास से कोरोना वैश्विक महामारी संकट से गांवों को उबारना है। इस निमित्त राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।
इस अवसर पर दुमका, जमशेदपुर एवं बोकारो में गठित ग्राम स्तर पर सर्वे एवं जांच प्रोटोकॉल टीम के साथ मुख्यमंत्री ने संवाद किया।
वेबिनार में मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय से राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त सह अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, नगर विकास सचिव विनय कुमार चौबे, एनआरएचएम के अभियान निदेशक रवि शंकर शुक्ला, सीईओ जेएसएलपीएस आदित्य रंजन, उपायुक्त रांची छवि रंजन सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।***======================*****
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*एसडीएम धालभूम ने एसीएमओ के साथ एम.ओ एकेडमी, मानगो का किया निरीक्षण, उपलब्ध सुविधाओं का किया अवलोकन, सेंटर पर आज 117 लोगों को दी गई वैक्सीन*

अनुमंडल पदाधिकारी धालभूम नीतीश कुमार सिंह आज एसीएमओ डॉ साहिर पाल के साथ एम.ओ एकेडमी, मानगो में शुरू किए गए वैक्सीनेशन सेशन साईट का निरीक्षण करने पहुंचे इस दौरान अनुमंडल पदाधिकारी ने सेंटर पर उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं का अवलोकन किया साथ ही ऑब्जर्वेशन कक्ष, टीकाकरण कक्ष आदि का निरीक्षण करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। गौरतलब है कि जिला प्रशासन की पहल पर वैक्सीनेशन सेंटर के सफल संचालन में एनजीओ झारखंड ह्यूमैनिटी फाउंडेशन भी सहयोग कर रही है। इस सेशन साईट पर आज कुल 117 लोगों को वैक्सीन का पहला डोज दिया गया । इस मौके पर एनजीओ झारखंड ह्यूमैनिटी फाउंडेशन रियाज सरीफ, खालिद इकबाल, अंजर हुसैन तथा अन्य सदस्य मौजूद थे
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*चक्रवाती तूफान ‘यास’ के पूर्वी सिंहभूम से टकराने की संभावना के मद्देनजर जिला उपायुक्त का सभी कम्पनी प्रबन्धन से आह्वान-बारिश और तूफान से सुरक्षा को देखते हुए 26 और 27 मई को ‘मिनिमम वर्क फोर्स’ को कार्यस्थल पर बुलाएं

26 मई को चक्रवाती तूफान यास के पूर्वी सिंहभूम से टकराने की संभावना को लेकर जिला उपायुक्त सुरज कुमार ने आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी बाजार-दुकान बंद रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि आंधी और भारी बारिश की संभावना को देखते हुए आवश्यक है कि लोग घरों से बाहर नहीं निकलें जिससे कोई जन हानि नहीं हो। जिला उपायुक्त ने सभी कम्पनी प्रबन्धन से भी आह्वान किया है कि बारिश और तूफान से सुरक्षा को देखते हुए 26 और 27 मई को ‘मिनिमम वर्क फोर्स’ को कार्यस्थल पर बुलाएं। वहीं वैक्सीनेशन और हाउस टू हाउस सर्वे कार्य को भी 26 और 27 मई को बंद रखने का निर्देश दिया गया है।
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