नशा के रूप में दवा बेचने के आरोपी दीपक प्रजापति की जमानत याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट ने सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी की याचिका को खारिज कर दिया है.
रांची: दवा को नशा के रूप में बेचने के आरोपी दीपक प्रजापति की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने उन्हें किसी भी प्रकार की राहत देने से इनकार कर दिया है. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी की याचिका को खारिज कर दिया है.
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश रंगन मुखोपाध्याय की अदालत में कफ-सिरफ को नशा के रूप में बेचने के आरोपी दीपक प्रजापति की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता रवि प्रकाश ने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद प्रार्थी की याचिका को खारिज कर दिया है.
रांची के सुखदेव नगर थाना के दीपक प्रजापति चुराकर कफ सिरफ को नशा के रूप में बेचा करता था. इसी मामले में उनके घर छापेमारी कर 588 बोतल कफ सिरफ और अन्य प्रतिबंधित दवा जब्त किया गया था. उसी मामले में उन्हें आरोपी बनाया गया है. निचली अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. उसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की. उसी याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया है.
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