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ननिहाल जा रही युवती की गोली मारकर हत्या, मेहंदी से हाथ पर लिखा था अंकित झा का नाम

ननिहाल जा रही युवती की गोली मारकर हत्या, मेहंदी से हाथ पर लिखा था अंकित झा का नाम

बिहार के समस्तीपुर में अपराधियों ने एक युवती की गोली मारकर हत्या कर दी. बताया जा रहा है कि युवती एक लड़के के साथ ननिहाल जा रही थी. वहीं युवती के हाथ पर मेहंदी से अंकित झा का नाम लिखा हुआ था.

समस्तीपुर: बिहार के समस्तीपुर जिले के सरायरंजन इलाके के रामचंद्रपुर इलाके में बाइक सवार अज्ञात अपराधियों ने एक बीस वर्षीय युवती की गोली मारकर हत्या कर दी. गोलियों की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और वारदात की सूचना सरायरंजन थाने को दी गई.
सरायरंजन पुलिस मौके पर पहुंच मामले की जांच शुरू कर दी है. आसपास के इलाकों में मृतक युवती की पहचान के लिए तस्वीर को भेजा गया है. काफी प्रयास के बाद युवती की शिनाख्त सरायरंजन थाना इलाके के ही करिहारा पंचायत के वार्ड संख्या 8 के रहने वाले संजीव कुमार मिश्रा की पुत्री राधा कुमारी के रूप में की गई.
गोलीबारी और हत्या के इस वारदात के संदर्भ में मृतक युवती के पिता संजीव कुमार मिश्रा ने बताया कि राधा कुमारी ननिहाल शाहजहांपुर के लिए एक युवक के साथ बाइक से निकली थी. उसी दौरान वह सरायरंजन थाना इलाके के रामचंद्रपुर के कबरा चौर से होकर जा रही थी, रास्ता पूरा सुनसान इलाके में है, वहीं रास्ते में ही गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई. युवती जिस युवक के साथ बाइक से निकली थी, उस युवक का अब तक शिनाख्त नहीं हो पाई है. घटना के बाद अपराधी युवती का मोबाईल भी अपने साथ ले गए हैं. गौरतलब है कि युवती के हाथ पर मेहंदी से अंकित झा का नाम लिखा हुआ था. अंकित झा कौन है, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है.
पुलिस युवती के शव को पंचनामा के बाद पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है, साथ ही युवती का कॉल डिटेल को खंगाल रही है. वहीं इस घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है.*

*दारोगा, हवलदार सहित 2269 सिपाहियों का तबादला, एक जुलाई तक ज्वाइन करने का अल्टीमेटम*

बिहार के मगध प्रक्षेत्र में पुलिस महकमे में बड़े पैमाने पर सिपाहियों का तबादला किया गया है. इनमें एसआई, एएसआई, हवलदार, चालक हवलदार सहित 2269 सिपाहियों के नाम शामिल हैं.
पटनाः बिहार के मगध प्रक्षेत्र में लंबे समय से पदस्थापित एसआई , एएसआई , हवलदार, चालक हवलदार से लेकर बड़े पैमाने पर कांस्टेबल का तबादला कर दिया गया है. तबादले की सूची में 70 एसआई, 227 एएसआई, 254 हवलदार, 15 चालक हवलदार सहित 2269 सिपाहियों के नाम शामिल हैं. आईजी अमित लोढ़ा की अध्यक्षता में गठित बोर्ड ने इन पुलिस कर्मियों का स्थानांतरण कर दिया है.
सोमवार की शाम तक मगध के सभी पांच जिलों गया, जहानाबाद, औरंगाबाद, अरवल और नवादा के पुलिस कप्तान के पास तबादले का लिस्ट पहुंच गया है. एक जुलाई को स्थानांतरित किए गए पुलिस कर्मियों को नये पदस्थापना वाले स्थान पर हर हाल में ज्वाइन करना होगा. संबंधित आदेश का पालन कराने की जिम्मेदारी जिले के एसपी को सौंपी गई है.पुलिस कर्मियों की पदस्थापना अवधि पहले से तय होती है. पदस्थापना की निर्धारित समय पूरा होने के बाद उन्हें दूसरे जगह पर ट्रांसफर किया जाता है. पुलिस कर्मियों की पदस्थापना जिले में छह साल, रेंज में आठ साल और जोन में दस साल के लिए किया जाता है. समय पूरा होने के बाद आईजी की अध्यक्षता में बोर्ड गठित कर इनका तबादला किया जाता है.*

*पति के सपने को पूरा करने के लिए की कड़ी मेहनत, पहले प्रयास में बन गई दारोगा*

जमशेदपुर में पति के सपने को पूरा करने के लिए पत्नी ने कड़ी मेहनत की और पहले प्रयास में दारोगा बन गई. ससुराल वालों का खूब सपोर्ट मिला. ज्योति बिहार में दारोगा बनेगी. ज्योति का सपना है कि अब वह समाज के लिए कुछ करे.
जमशेदपुर: किसी ने क्या खूब लिखा है-‘मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है. पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है’. यह पंक्तियां जमशेदपुर की ज्योति पांडेय पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं. पति ने हौसला दिया. पत्नी ने कड़ी मेहनत की और इतिहास रच दिया. ज्योति पहले प्रयास में ही बिहार दारोगा की परीक्षा पास कर ली. बिहार में 2,062 दारोगा पद के लिए करीब 7 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे और इसमें ज्योति को सामान्य वर्ग में सफलता मिली है. वह बिहार में दारोगा बनेगी.
लौट चले परदेस… कोरोना से उखड़ती सांसों पर भारी पड़ रही पेट की आग, मजबूरी में पलायन कर रहे मजदूरपति के सपने को पूरा करने के लिए की कड़ी मेहनत दरअसल, जमशेदपुर के जुगसलाई में रहने वाले अमित मिश्रा शादी से पहले पुलिस अफसर बनने के लिए लगातार प्रयास करते रहे. कई बार परीक्षा दी लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया. सरकारी नौकरी नहीं मिली तो लीगल एडवाइजर बन गए. ज्योति पांडेय से उनकी शादी हुई. शादी के बाद जब ज्योति को पता चला कि उनके पति पुलिस अफसर बनना चाहते थे तब उसने पति के सपने को पूरा करने के लिए दिन-रात एक कर दिया. कहीं कोचिंग नहीं की, पति ने ही कराई तैयारी ज्योति ने बताया कि एमबीए की पढ़ाई के दौरान उसकी शादी हो गई. पति के अधूरे सपने के बारे में जब उसे पता चला तब उसने खुद ही तैयारी करनी शुरू कर दी. ज्योति ने बताया कि वह एमबीए की छात्रा थी और अचानक कोर्स में बदलाव होने पर थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा. पति ने पूरा सहयोग दिया और कोच बनकर तैयारी कराई. ज्योति का कहना है कि उसने कहीं बाहर कोचिंग नहीं की.
ज्योति बताती हैं कि आमतौर पर मध्यम वर्ग में शादी के बाद लड़कियां आगे पढ़ नहीं पाती. लेकिन, उसे ससुराल में पूरी आजादी मिली. ज्योति और अमित की आठ साल की एक बेटी भी है. अमित ने बच्ची को संभाला और ज्योति को पढ़ने के लिए पूरा समय मिला. ससुराल वालों ने पढ़ने में खूब सपोर्ट किया. ज्योति का कहना है कि वह समाज के लिए कुछ करना चाहती है. महिलाओं को समाज में खुद को स्थापित करने के लिए जागरूक होना पड़ेगा.
पत्नी की सफलता पर अमित मिश्रा का कहना है कि ज्योति ने मेरे सपनों को पूरा किया है. उसने मेरे सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की. अमित का कहना है कि शादी से पहले या शादी के बाद बेटियों को शिक्षा से वंचित नहीं करना चाहिए. मायके के साथ-साथ ससुराल में भी बेटियों को समान अधिकार देने की जरूरत है तभी समाज बेहतर बन सकेगा. ज्योति ने यह संदेश दिया है कि बेटियां शादी के बाद भी मेहनत कर मंजिल पा सकती हैं. बस उन्हें थोड़े सहयोग की जरूरत है.