झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

नाम सदर अस्पताल और बैंडेज गौज सीरिंज तक नदारद बड़ी बीमारी तो दूर मरीजों को कटे छटे और पेट दर्द की दवा भी मंगाना पड़ रहा बाहर से

नाम सदर अस्पताल और बैंडेज गौज सीरिंज तक नदारद बड़ी बीमारी तो दूर मरीजों को कटे छटे और पेट दर्द की दवा भी मंगाना पड़ रहा बाहर से

चतरा : सदर अस्पताल चतरा की हालत बद से बदतर हो गई है। यह स्थिति नए सिविल सर्जन के आने बाद तो और भी खराब हो गई है। स्थिति का अंदाजा महज इसी बात से लगाया जा सकता है कि अगर आप दुर्घटनाग्रस्त होकर अथवा कटे छीले का उपचार कराने सदर अस्पताल पहुंच गये तो यहां आपके मरहम पट्टी के लिए गौज और बैंडेज तक नसीब नहीं होगी। उसे भी आपको अपने ही खर्च पर बाहर की दुकानों से मंगाना पड़ेगा। इसकी दुर्दशा की दास्तान यहीं नहीं समाप्त होती है अगर आपको डिसेंट्री हो रही हो तो मेट्रोंन मिलेगा और नहीं ही सलाईन का पानी आरएल या एनएस। इतना तो छोड़ दीजिए सीरिंज तक नसीब नहीं है सदर अस्पताल में। अगर आप उल्टी दस्त और पेट दर्द से परेशान हैं तो वहां नहीं तो उल्टी का इंजेक्शन ऑनडेम मिलेगा और नहीं ही पेट दर्द की दवा डाइसेकलोमीन इतना ही नहीं, अस्पताल में नहीं ही अफ़्सोलाइन है और नहीं ही मल्टीविटामिन की दवा एमभीआई। सबसे मजे की बात तो यह देखिए कि जब दिशा की बैठक हुई थी तब सांसद के द्वारा दवा खरीद के बारे में जब पूछा गया तो सिविल सर्जन ने उन्हें पर्याप्त दवा की खरीददारी कर लेने की बात कहकर गुमराह कर दिया गया। पर स्थिति तो ऐसी है कि यहां प्राइमरी उपचार की दवाएं नहीं हैं। अगर यह कहें कि सदर अस्पताल की हालत नाम बड़े और दर्शन छोटे वाली है तो गलत नहीं होगा।

चतरा-धर्मेन्द् पाठक