झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से रूपा तिर्की के माता -पिता और विधायक बंधु तिर्की के साथ एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की, दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और न्याय दिलाने की लगाई गुहार

*मानगो नगर निगम- कार्यपालक पदाधिकारी ने नगर निगम क्षेत्र में साफ-सफाई कार्यों का लिया जायजा, कई जगहों पर कचरा जमा होने पर जताई नाराजगी, नगर प्रबन्धक व सफाई संवेदकों को शो कॉज किया गया, नियमित साफ-सफाई करने के दिये निर्देश*

मानगो नगर निगम के कार्यपालक पदाधिकारी दीपक सहाय द्वारा आज नगर निगम क्षेत्र में होने वाले दैनिक साफ सफाई कार्यों का निरीक्षण किया गया एवं सफाई कार्यो का जायजा लिया गया। इस दौरान उन्होंने कई जगहों पर जमा कचरा को देखकर नाराजगी जताते हुए हुए नगर प्रबंधक, सफाई कर्मी एवं सफाई संवेदक को फटकार लगाते हुए तत्काल कचरा उठवाने का निर्देश दिए । साथ ही पर्याप्त संख्या में सफाई कर्मी को सफाई कार्यों में लगाते हुए निगम क्षेत्र में प्रतिदिन साफ सफाई सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया। सफाई कार्यो में लापरवाही के कारण कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा नगर प्रबन्धक एवं सफाई संवेदकों को शो कॉज किया गया। उन्होंने सफाई संवेदकों को स्पष्ट किया कि उनके द्वारा साफ सफाई संबंधी कार्यों के देखरेख हेतु प्रतिदिन नगर निगम क्षेत्र का निरीक्षण किया जाएगा तथा लापरवाही बरतने वालों के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी ।
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*मानगो नगर निगम- स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को उपलब्ध कराया का रहा कोविड टीका, 25 से ज्यादा महिला सदस्यों ने लिया आज टीका*

कार्यपालक पदाधिकारी दीपक सहाय के निर्देशानुसार मानगो नगर निगम में डे एनयूएलएम के तहत संचालित कई स्वयं सहायता समूह के 45 वर्ष से ज्यादा उम्र की महिलाओं को कोविड 19 का टीका दिया जा रहा है। निगम कार्यालय में कार्यरत सीआरपी उर्मिला, गायत्री, शीला, प्रतिमा आदि के द्वारा नगर निगम के विभिन्न स्लम क्षेत्रों में जाकर स्वय सहायता समूहों को वैक्सीन लेने हेतु जागरूक किया जा रहा है एवं जाकर वैक्सीन लेने के लिए जानकारी दी जा रही है । साथ ही सीआरपी के द्वारा स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को वैक्सीन सेंटर पर पहुंचाया भी जा रहा है।
आज 25 से ज्यादा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने राजस्थान भवन एवं चलंत टीकाकरण वाहन के माध्यम से टीका लगवाया।
कार्यपालक पदाधिकारी ने आरबीएस एकेडमी वैक्सीनेशन सेंटर के निरीक्षण के क्रम में एक दिव्यांग व्यक्ति को मदद करते हुए वैक्सीन दिलाया। चलने में असमर्थ दिव्यांग को केंद्र तक पहुचने में हो रही असुविधा को देखते हुए कार्यपालक पदाधिकारी ने तत्काल उसे प्राथमिकता के आधार पर टीका लगवाते हुए निर्देश दिए कि वैक्सीन लेने के लिए आने वाले दिव्यांग व्यक्तियों को आवश्यक रूप से मदद करते हुए वैक्सीन दिलाया जाय। इस अवसर पर नगर प्रबंधक निशांत कुमार एवं कार्यालय कर्मी उपस्थित थे।
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*अपनी भाषा बोली में समझ रहे टीकाकरण का महत्व

*पश्चिम सिंहभूम के मझगांव प्रखंड स्थित एक घर के एक बड़े आंगन में करीब बीस महिलाएं बैठीं हैं। यह महिलाएं जेएसएलपीएस सखी मंडल, आंगनबाड़ी सेविका, साहिया दीदी हैं। जिन्हें वर्तमान में वैक्सीन सोशल मोबिलाईजर के नाम से जाना जाता है। वे उसी गांव की हैं और सरकार द्वारा टीकाकरण को लेकर दी गईं अलग-अलग जिम्मेवारियों को निभा रहीं हैं। वे यहां बैठकर आसपास के क्षेत्र में चलाए जाने वाले टीकाकरण जागरूकता अभियान की योजना बना रहीं हैं, ताकि वहां के लोगों को टीकाकरण के प्रति जागरूक किया जा सके। ये सभी टीकाकरण के फायदे अपनी बोली, भाषा में समझाने की जुगत में लगी हैं, क्योंकि यहां की बड़ी आबादी हिंदी कम बोलती है। यही कार्य राज्य के अन्य प्रमंडलों में किया जा रहा है ताकि टीकाकरण अभियान को और गति मिल सके।
मुख्यमंत्री सक्रियता से जागरूकता अभियान का हिस्सा बने। उन्होंने टीका लिया और इससे संबंधित वीडियो भी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जारी किया। इस वीडियो को व्यापक रूप से सामाजिक मीडिया पर परिचालित किया गया, जो इस जन आंदोलन में एक बूस्टर के रूप में काम किया। मुख्यमंत्री ने अपील में लोगों से कहा कि वे बिना किसी हिचकिचाहट के वैक्सीन लें । वे अपने परिवार के अन्य लोगों को भी टीकाकरण के लिए प्रेरित करें। हमारे राज्य को संक्रमण से बचाने के लिए हर किसी को जल्द से जल्द टीका लगाना चाहिए । टीकाकरण से कोई नुकसान नहीं होता ।
झारखण्ड में आबादी का एक बड़ा हिस्सा आदिवासी समाज का है। यही वजह है कि हो, मुंडारी, कुडुख, सादरी, संताली, नागपुरी, पंचपरगनिया, खोरठा समेत अन्य जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। प्रदेश में टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती सुदूरवर्ती क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों को वैक्सीन के प्रति जागरूक करना था। देश के अन्य हिस्सों की तरह झारखण्ड भी टीकाकरण से जुड़े मिथकों और भ्रम से प्रभावित हुआ । इसे देखते हुए राज्य सरकार ने सघन जागरूकता अभियान शुरू किया। अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे यह सुनिश्चित करें कि लोगों के बीच कोई अफवाह नहीं फैले। जागरूकता अभियान में क्षेत्रीय भाषाओं का इस्तेमाल किया गया। पंचायत प्रतिनिधियों से सहयोग लिया गया। मुख्यमंत्री ने स्वयं पंचायत प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर अपने-अपने क्षेत्र में लोगों में जागरूकता लाने को कहा। राज्य भर के उपायुक्तों को फील्ड विजिट करने, ग्रामपंचायत प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने और सामाजिक स्तर पर जागरूकता अभियान में हिस्सा लेने का निर्देश दिया गया। सरकार ने जन जागरूकता पैदा करने और टीकाकरण अभियान को जनांदोलन में बदलने के लिए संचार के सभी माध्यमों का इस्तेमाल किया।
राज्य के हर जिले और प्रखंड में एनएचएम द्वारा मास्टर ट्रेनर बनने के लिए सोशल मोबिलाईजर की टीम को प्रशिक्षित किया गया। इन मास्टर प्रशिक्षकों ने आगे एएनएम, साहिया दीदी और अन्य हितधारकों को पंचायत और गांव स्तर पर सामाजिक सोशल मोबिलाईजर बनाने के लिए प्रशिक्षित करने पर काम किया। एक ही समाज का हिस्सा होने के कारण उनके लिए स्थानीय आबादी से जुड़ना आसान था। इस पहल से राज्य सरकार को अधिक लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करने में मदद मिली ।
वैक्सीन से संबंधित भ्रम को दूर करना और टीकाकरण केंद्र तक लोगों को स्वतः ले जाना प्रशासन के लिए एक चुनौती पूर्ण कार्य था । मई में सरकार ने ओलचिकी, मुंडारी, हो, कुड़ुख जैसी बोली, भाषा और हिंदी में अखबारों के विज्ञापनों की एक श्रृंखला जारी की। ये विज्ञापन सभी स्थानीय और राष्ट्रीय अखबारों में प्रकाशित हुए थे। यह सरकार द्वारा की गई अपनी तरह की पहल थी, जहां वैक्सीन के लिए अखबारों में कई भाषा के विज्ञापन प्रकाशित किए गए हों ।
क्षेत्र भ्रमण करने के अलावा सभी जिलों के उपायुक्तों ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से क्षेत्रीय भाषाओं में वीडियो जारी किए। यह वीडियो अलग-अलग व्हाट्सएप ग्रुपों के बीच प्रसारित किए गए थे। डोर टू डोर अभियान में शामिल सखी मंडल दीदी ने लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करने के लिए इन रिकॉर्ड किए गए वीडियो का इस्तेमाल किया । टीकाकरण के तथ्यों के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए कई भाषाओं में पोस्टर, बैनर, डिजिटल सूचनात्मक कार्ड की एक श्रृंखला भी बनाई गई थी । हिंदी के साथ-साथ अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी सभी पंचायतों में कई मिथक को ख़त्म करने वाले बैनर लगाए गए। साथ ही राज्य भर में कोविड उपयुक्त व्यवहार और टीकाकरण से संबंधित वॉल पेंटिंग को भी शामिल किया गया। इसके अलावा पांच विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में पम्पलेट साहिया द्वारा डोर टू डोर जागरूकता अभियान के दौरान वितरित किया गया था । प्रशासन ने राज्य के ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा और टेंपो पर चढ़कर स्पीकर से लोगों के बीच जागरूकता संबधी सन्देश देना आम था। स्थानीय भाषाओं में विकसित ऑडियो-विजुअल सामग्री भी टेलीविजन, रेडियो और अन्य संचार माध्यमों से प्रचार-प्रसार चल रहा है।
इस तरह राज्य सरकार ने टीकाकरण के लिए हर वह प्रयास किया, जिससे लोगों में टीके के प्रति फैले भ्रम को दूर कर अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण सुनिश्चित किया जा सके।
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*मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से रूपा तिर्की के माता -पिता और विधायक बंधु तिर्की के साथ एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की, दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और न्याय दिलाने की लगाई गुहार*

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से आज रूपा तिर्की की माता पद्मावती उरांव, पिता देवानंद तिर्की और विधायक बंधु तिर्की के साथ एक प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों में मुख्यमंत्री से कहा कि उन्हें आशंका है कि सब इंस्पेक्टर रूपा तिर्की ने आत्महत्या नहीं की है, बल्कि उसकी हत्या हुई है । उन्होंने इस मामले में अब तक की जांच से असंतुष्टि जताते हुए मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और जो भी दोषी पाए जाएं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि न्याय मिल सके।
मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि रूपा तिर्की उनकी बहन के समान थी। आदिवासी समाज की एक बेहतर महिला पुलिस पदाधिकारी की मौत से मर्माहत हूं । उन्होंने रूपा के माता- पिता और प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि उन्हें न्याय मिलेगा । मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे मामले की निष्पक्ष और विस्तृत जांच हो, इस बाबत एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया गया है। झारखंड उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश विनोद कुमार गुप्ता इस पूरे मामले की विस्तृत जांच कर अपनी रिपोर्ट समर्पित करेंगे । इसमें जिस किसी की भी संलिप्तता होगी या दोषी पाए जाएंगे उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा । उनके खिलाफ खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी । रूपा तिर्की मौत मामले में हर हाल में इंसाफ होगा ।
मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में रवि तिग्गा, अमर उरांव, नारायण उरांव, शांति उरांव, मुंडरेशी मुंडा, शिवा कच्छप, अमर उरांव और सुमित उरांव शामिल थे।*
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*झारखण्ड कोविड -19 बुलेटिन : झारखण्ड में 291 नए पॉजिटिव मामले, राज्य में आज एक संक्रमित की मृत्यु, इसके साथ ही झारखण्ड में कुल 343065 पॉजिटिव मामले, 4220 सक्रिय मामले, 333763 ठीक, 5082 मौतें हुई है।*