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मनाली की वादियों से बॉलीवुड पहुंची है अभिनेत्री रंजीता सिंह

मनाली की वादियों से बॉलीवुड पहुंची है अभिनेत्री रंजीता सिंह

मनाली की खूबसूरत वादियों में रहने वाली अभिनेत्री रंजीता सिंह जल्द ही मायानगरी के बॉलीवुड में कदम रखने वाली है।बचपन से ही इन्हें अभिनय करने का शौक रहा इसलिए मुंबई आकर रंजीता ने अभिनय का प्रशिक्षण ‘क्रिएटिंग कैरेक्टर’ से ली। अब वह अभिनय की पारी खेलने को तैयार है। रंजीता अंतरराष्ट्रीय पत्रिका ‘प्राज़’ और ‘एच पी इंडिया’ के लिए मॉडलिंग कर चुकी है। दक्षिण भारतीय फिल्म का भी ऑफर इनको मिला है। वह हर प्रकार की भूमिका करना चाहती है। भावनात्मक और साहसिक भूमिका इन्हें बेहद पसंद है। वेब सीरीज, धारावाहिक और फिल्म में यह काम करना चाहती है।म्यूजिक वीडियो में काम करना उन्हें पसंद है। रंजीता का सपना है कि वह सलमान खान के शो बिग बॉस का हिस्सा बने। वह चाहती है कि बिग बॉस में अगर उनका चयन हो गया तो यह उनके स्वप्न साकार होने जैसा अद्भुत सुख होगा। अभिनेत्री रानी मुखर्जी इनकी पसंदीदा अभिनेत्री हैं। इनके गृहनगर मनाली में रानी मुखर्जी की फ़िल्म ‘राजा की आएगी बारात’ और ‘साथिया’ की शूटिंग हुई थी जहाँ रानी को देखकर रंजीता बेहद प्रभावित हुई और उनके मन में भी यह विचार आया कि वह भी बड़ी होकर अभिनेत्री बनेंगी। रंजीता सिंह का खुद का ‘सलोन’ है और यह रियल एस्टेट व्यवसाय से भी जुड़ी हुई हैं। बुक रीडिंग, जिम, ट्रैवलिंग, कुकिंग, वॉकिंग का इन्हे बेहद शौक है। यह देश और विदेशों की यात्राएं कर चुकी है। पेरिस, सिंगापुर, बेल्जियम, दुबई आदि विदेशों में जा चुकी हैं और आगे भी अपना सफर जारी रखना चाहती हैं। रंजीता बेहद धार्मिक हैं और उनका कहना है कि इंसान के अंदर इंसानियत का भाव जरूर होना चाहिए। वर्तमान समय में लोग एक दूसरे की भलाई करना छोड़ कर ईर्ष्या करने लगे हैं जो बेहद निराशाजनक है। हमें अपना मूल नहीं भूलनी चाहिए इंसान की तुलना पैसों से नहीं करनी चाहिए बल्कि उसके अंदर की अच्छाई देखनी चाहिए। अमीर हो या गरीब हर व्यक्ति को समान नज़रिये से देखना चाहिए किसी की, भूल से भी अपमान या अवहेलना नहीं करनी चाहिए। रंजीता जमीन से जुड़ी शख्सियत है। वह अपनी माँ और जन्मभूमि का बहुत सम्मान करती है। अपनी माँ को अपना आदर्श मानती है। उनकी तरह आदर्श, धैर्य, लगन, आत्मविश्वास और साहस के साथ अपनी मंजिल पाना चाहती है। हिमांचल की संस्कृति, पहनावा, खानपान और सौंदर्य का विशेष सम्मान करती हैं। मुंबई आकर भी हिमांचल उनके हृदय में ही है।

प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय