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‘महायोगी हाईवे वन टू वननेस’ 8 मार्च को रिलीज होगी

‘महायोगी हाईवे वन टू वननेस’ 8 मार्च को रिलीज होगी

फिल्म निर्माता राजन लूथरा की बहुप्रतीक्षित संदेशपरक फिल्म ‘महायोगी हाईवे वन टू वननेस’ 8 मार्च को भारतीय सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है और इसे अंग्रेजी, हिंदी और विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं सहित कई भाषाओं में प्रस्तुत किया जाएगा। त्रिलोक फिल्म्स के बैनर तले बनी फिल्म ‘महायोगी हाईवे वन टू वननेस’ की कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है जो सभी धर्मों और सभी जीवित प्राणियों की अच्छाई में विश्वास करता है और ‘एक ईश्वर’ में दृढ़ विश्वास रखता है। ईश्वर के बुलावे से उसे एहसास होता है कि विश्व की वर्तमान आवश्यकता एकता, शांति और प्रेम है। मूलरूप से इस फिल्म की कहानी कलयुग से सतयुग में गहन परिवर्तन को उजागर करती है। यह सत्य और सदाचार की विशेषता वाले स्वर्ण युग की ओर बदलाव का प्रतीक है। कथा का दूसरा भाग सतयुग की सुखद स्थिति की अंतर्दृष्टि का वादा करता है, जहां हर कोई अपने भीतर भगवान की उपस्थिति महसूस करेगा। महायोगी द्वारा निर्देशित संदेश आध्यात्मिक क्रांतिकारी पहल सतयुग का द्वार खोलेगी। इस फिल्म में महायोगी की परिकल्पना के साथ परिवारों में सदभाव, मित्रता और सच्चाई, पड़ोसी देशों हेतु एकता, राजनीति में सद्भाव, स्वर्ण युग की पहल, आंतरिक जागृति, अंतरधार्मिक सद्भाव से जुड़े तथ्यों को कथावस्तु में समावेश कर आध्यात्मिक जागृति और सार्वभौमिकता पर जोर देते हुए सकारात्मक संदेश दिया गया है कि सभी के धर्म पर विश्वास करें, सम्मान करें और प्यार करें और एक साथ मिलजुल कर खुशी से रहें। यही एकमात्र तरीका है जिससे हम भारत की सच्ची संस्कृति को सभी के सामने ला सकते हैं। दिल्ली में जन्मे राजन लूथरा अमेरिका में रहते हैं। वह अपने परोपकारी स्वभाव के कारण समाजसेवा में हमेशा तत्पर रहते हैं। एक सफल उद्यमी होने के बावजूद, श्री लूथरा का सच्चा जुनून उनके गैर-लाभकारी, हेल्प फाउंडेशन ग्रुप में निहित है, जिसके वे संस्थापक और अध्यक्ष हैं। यह संस्था 2014 से भारत में पंजीकृत है। बकौल फिल्मकार राजन लूथरा ‘महायोगी’ को तीन भागों में बनाया गया है। आज दुनिया में युद्ध को विराम देकर शांति स्थापित करने की आवश्यकता है। ईश्वर ने हमें प्रेम बांटने के लिए भेजा है न कि लड़ने झगड़ने के लिए। परस्पर एकता की अवधारणा धार्मिक सीमाओं से परे होना चाहिए। सभी समस्याओं के समाधान के लिए हम सभी को एकमत होना होगा। यह फिल्म लोगों की दृष्टिकोण में बड़ा बदलाव लाने में सहायक साबित होगी।

प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय