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लंबे संघर्ष के बाद हमने झारखंड अलग राज्य को हासिल किया है हेमंत सोरेन

झारखंड अलग राज्य के सृजन के आज 20 वर्ष पूरे हो रहे हैं। एक लंबे संघर्ष के बाद यह राज्य अस्तित्व में आया । अलग राज्य के लिए हुए संघर्ष में हजारों लोग शामिल हुए । इनमें कई आंदोलनकारी शहीद हुए। ऐसे में राज्य स्थापना दिवस के मौके पर इनकी कुर्बानी को याद कर रहे हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज राजधानी रांची के डोरंडा स्थित जैप एक मैदान में आयोजित अलंकरण परेड समारोह कार्यक्रम में कही ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अलग राज्य बनने के बाद यहां कई व्यवस्थाएं नए सिरे से बननी शुरू हुई ।इसी क्रम में राज्य में शान्ति, अमन चैन, विधि व्यवस्था और राज्यवासियों की सुरक्षा में पुलिस बलों का अहम योगदान रहा है ।पुलिस पदाधिकारी एवं जवान अपने कर्तव्यों का निरंतर निर्वहन कर रहे हैं । इस दिशा में अपनी पहचान बनाते हुए जो आपने सम्मान पाया है, उसके लिए ढेर सारी बधाई और शुभकामनाएं ।कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने परेड का निरीक्षण, शहीदों के आश्रितों को सम्मानित करने के साथ वीरता एवं साहस के लिए पदक से नवाजे गए पुलिस पदाधिकारियों और जवानों का अलंकरण किया।झारखंड की धरती ने कई वीर सपूत दिए है । जब भारत अंग्रेजों के अधीन था तो भगवान बिरसा मुंडा, अमर शहीद सिद्धो कान्हो , नीलाम्बर पीताम्बर और शेख भिखारी जैसे हजारों वीरों ने देश की आजादी के लिए अपनी जान की परवाह किए बगैर ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ संघर्ष किया था । इन्होंने अंग्रेजों से लड़ाई में अदम्य साहस और वीरता का परिचय दिया था ।इन महापुरुषों और वीर शहीदों को आज नमन और स्मरण करने का दिन है ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वक्त एक जैसा नहीं होता है ।समय-समय पर चुनौतियां आती रहती है । हमें इसका सामना संयम धैर्य और ईमानदारी के साथ करना चाहिए । उन्होंने कहा कि साफ नीयत औऱ सही सोच के साथ आगे बढ़े तो मंजिल निश्चित तौर पर मिलेगी ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 काफी चुनौतियों भरा साबित हो रहा है , लेकिन हमने इसे अवसर के रूप में लिया है ।कोरोना महामारी से पूरा विश्व जूझ रहा है । झारखंड भी इससे अलग नहीं है , लेकिन हमने इन चुनौतियों को अपने कंधे पर उठाया है और आपके द्वारा मिले सहयोग से निडरता के साथ लगातार आगे बढ़ रहे हैं । इसमें बहुत हद तक हमें सफलताएं मिल चुकी हैं और पूरा विश्वास है कि कामयाबी हमारे कदम चूमेगी ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल के दौरान हर मोर्चे पर पुलिस का अहम योगदान रहा है । जहां राज्य के सभी थानों में सामुदायिक किचन के माध्यम से गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन कराया गया , वही कोरोना योद्धा के रूप में पुलिस ने अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया । इस दौरान कई पुलिस संक्रमित भी हुए और कई की जान भी चली गई । इतना ही नहीं संक्रमण से निकलने के बाद पुलिसकर्मी फिर से कोरोना के खिलाफ चल रही लड़ाई में शामिल हो गए ।
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 6 शहीद पुलिस जवानों के आश्रितों को सम्मानित किया । मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की सुरक्षा की खातिर कई जवान अपनी शहादत देते हैं ।शहीदों की शहादत का पूरा सम्मान सरकार करेगी । उन्होंने शहीदों के आश्रितों से कहा कि अगर उन्हें किसी तरह की समस्या हो तो वे बेहिचक अपनी बातें हमारे पास रखें ।उनकी सहायता के लिए हम सदैव तत्पर हैं ।
मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में 80 पुलिस पदाधिकारियों और जवानों को पदक देकर सम्मानित किया । इनमें साकेत कुमार सिंह, आइजी अभियान समेत तीन पुलिस कर्मियों को विशिष्ट सेवा के लिए राज्यपाल पुलिस पदक, 47 पुलिस पदाधिकारियों जवानों को वीरता के लिए मुख्यमंत्री पुलिस पदक, 30 पुलिस पदाधिकारियों और जवानों को सराहनीय कार्य के लिए झारखंड पुलिस पदक प्रदान किया गया ।इसके अलावा बुनियादी प्रशिक्षण में अव्वल रहने वाले तीन पुलिस पदाधिकारियों को भी सम्मानित किया गया ।
समारोह के शुरू में मुख्यमंत्री ने पुलिस बलों के परेड का निरीक्षण किया । इस परेड में जैप एक, जैप दो, जैप दस, जैप एक और जैप का मिश्रित दस्ता, आईआरबी, झारखंड जगुआर और रांची पुलिस बल शामिल था ।
मुख्यमंत्री ने जैप एक परिसर में नवनिर्मित आईपीएस अतिथि गृह का उदघाटन किया ।इस अतिथि गृह में चौबीस कमरे हैं और पुलिस पदाधिकारियों के रहने की बेहतर व्यवस्था की गई है।
अलंकरण परेड समारोह कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, पुलिस महानिदेशक एम वी राव, जैप के महानिदेशक नीरज सिन्हा, झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय के कुलपति पी आर के नायडू, जैप के महानिरीक्षक सुधीर कुमार झा , रांची के उपायुक्त और वरीय पुलिस अधीक्षक समेत कई पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे