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कोरोना खौफः रिम्स प्रबंधन ने किए विशेष इंतजाम सदर अस्पताल और खेलगांव में एडमिट हो रहे मरीज

कोरोना खौफः रिम्स प्रबंधन ने किए विशेष इंतजाम सदर अस्पताल और खेलगांव में एडमिट हो रहे मरीज

राजधानी में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए रिम्स प्रबंधन पूरी तरह से अलर्ट है. रिम्स में वेंटिलेटर के साथ चालीस से ज्यादा बेड तैयार हैं. सदर अस्पताल में भी बिना वेंटिलेटर के लगभग एक सौ बेड की व्यवस्था की गई है. रिम्स के सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ डी के सिन्हा ने बताया कि प्रशासन कोरोना की रोकथाम के लिए हरसंभव कदम उठा रहा है.

रांची: पूरे देश के साथ ही झारखंड में भी लगातार कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं. इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. राजधानी के रिम्स, सदर अस्पताल और खेलगांव में नए मरीजों को रखने की व्यवस्था की गई है.
रिम्स में वेंटिलेटर के साथ चालीस से ज्यादा बेड तैयार हैं. वहीं, सदर अस्पताल में बिना वेंटिलेटर के लगभग एक सौ बेड तैयार किए गए हैं. इसको लेकर रिम्स के सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ डी के सिन्हा ने बताया कि जिस तरह से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. उसको देखते हुए रिम्स में बेड की तैयारी की जा रही है. फिलहाल ट्रामा सेंटर में सत्रह बेड का इंतजाम है. तो वहीं पेइंग वार्ड मेडिसिन के डी विंग और ऑर्थो डिपार्टमेंट में भी अतिरिक्त बेड का इंतजाम किया जा रहा है
वहीं, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एस मंडल ने बताया कि सदर अस्पताल में फिलहाल नब्बे बेड मौजूद हैं. इसमें पचास से ज्यादा मरीज वर्तमान में एडमिट हैं. उन्होंने कहा कि गंभीर मरीजों के लिए वेंटिलेटर की व्यवस्था नहीं है. जिस वजह से वैसे मरीजों को रिम्स भेजना मजबूरी हो जाती है. इसके अलावा जो मरीज एसिंप्टोमेटिक हैं, उनके लिए खेलगांव में नौ सौ से ज्यादा बेड के विशेष इंतजाम किए गए हैं.
बढ़ते मामले को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से निजी अस्पतालों को भी दिशा निर्देश दिए गए हैं कि अपने-अपने अस्पताल में क्षमता अनुसार कोरोना मरीजों के लिए बेड की संख्या दुरुस्त रखें. साथ ही जो भी पुराने नियम और शर्तें निजी अस्पतालों के लिए लागू की गई थीं उसे फिर से अपना लें.
होम क्वारंटाइन में भी रहने के लिए जिला प्रशासन ने दिशा निर्देश जारी किए हैं, जिसमें कई तरह की शर्ते रखी गई हैं. अगर उन शर्तों के हिसाब से मरीज के पास व्यवस्था होती है, तो उन्हें होम क्वारंटाइन में रहने की अनुमति दी जाएगी.
वहीं,टीकाकरण अभियान भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाया जा रहा है, लेकिन संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या के अनुपात की तुलना करें तो टीकाकरण काफी कम हो रहा है. इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सप्ताह में प्रतिदिन टीकाकरण अभियान को जारी रखने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को नई जिम्मेदारी भी दी है.