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जमशेदपुर सांसद विधुत वरण महतो ने आज लोकसभा में मुराकाटी नहर का मामला उठाया

नई दिल्ली- जमशेदपुर सांसद विधुत वरण महतो ने आज लोकसभा में मुराकाटी नहर का मामला उठाया उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत सुवर्णरेखा परियोजना (एसएमपी) के खरकई दाँयी मुख्य नहर से निःसृत मुराकाटी शाखा नहर के टुनल के एकरारनामा को पुर्नजीवित करने की आवश्यकता है। उक्त संबंध में वर्ष 2019 में केन्द्रीय जल आयोग नई दिल्ली द्वारा फास्ट ट्रैक अभिनय कर निकासी (FTPC) के अन्तर्गत सुवर्णरेखा परियोजना के 14,959.744 करोड़ रू० की तकनीकि स्वीकृति प्रदान की गई जिसमें मुराकाटी शाखा नहर के निर्माण का प्रस्ताव सम्मिलित था। पूर्व में वर्ष 2010 के मूल्य निर्धारण पर परियोजना का मूल्य 6613.34 करोड़ रुपए के लिए निवेश निकासी प्राप्त कर जल संसाधन विभाग झारखण्ड सरकार द्वारा प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई थी
ज्ञजल संसाधन विभाग झारखण्ड सरकार के पत्रांक 1/PMC/कार्य- 996/2017-46/20-21 रांची दिनाक 19.03.2021 द्वारा परियोजना को 12,849. 46 करोड़ रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई। मुराकाटी शाखा नहर के निर्माण कार्य को सुसुप्तावस्था में रखा गया मुराकाटी शाखा नहर के कुछ भाग में तीन एकरारनामों के तहत एकरारनामा संख्या SBD-01/2019-20, SBD- 02/2019-20 तथा SBD-03/2019-20 दिनाक 11.01.2020 के अन्तर्गत कार्य प्रारंभ करने का एकरारनामा (11.01.2020) किया गया था। उस समय राज्य सरकार द्वारा तीन टुनल के निर्माण कार्य की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई थी। एकरारनामा होने के साढ़े तीन वर्ष बीत जाने के उपरान्त दिनांक 17.05.2023 को तीन टु नल के निर्माण कार्य को बन्द करा दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि मुराकाटी शाखा नहर से जादुगोड़ा, मुसाबनी एवं डुमरिया प्रखण्ड के करीब 12,000 हेक्टेयर जमीन में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है जो मुख्यतः आदिवासी किसानों का है। गाजिया स्थित खरकई नदी पर वर्ष 2019-20 में रू0 500.00 करोड़ की लागत से बराज बनकर तैयार है। पिछले साढ़े तीन वर्षों में यदि मुराकाटी शाखा नहर का निर्माण कार्य पूरा हो गया होता तो गरीब किसानों को सिंचाई उपलब्ध हो गया होता।
विगत चार वर्षों से औपचारिक रूप से जल संसाधन विभाग रांची द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत सुवर्णरेखा परियोजना के लिए अतिरिक्त केन्द्रीय अनुदान का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को नहीं भेजा गया है। सांसद ने दिनांक 12.09.2023 को मंत्री जल शत्ति मंत्रालय नई दिल्ली को टुनल के तीनों एकरारनामों को पुर्नजीवित करने हेतु ज्ञापन सौंपते हुए आवश्यक आवंटन उपलब्ध कराने हेतु अनुरोध किया था और राज्य सरकार के प्रस्ताव पर सहानुभूतिपूर्वक प्रत्येक वर्ष परियोजना के निर्माण का खर्च 8 से 10 प्रतिशत बढ़ रहा है टुनल के पुराने एकरारनामा को जीवित कर वर्ष 2019 के अनुसूचित दर पर निर्माण कार्य पूरा होगा।
सांसद श्री महतो ने कहा कि आपके माध्यम से माननीय मंत्री जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार से अनुरोध किया है कि उपरोक्त तथ्यों के आलोक में मुराकाटी शाखा नहर के टुनल के तीनों एकरारनामाओं को पुर्नजीवित करने हेतु झारखण्ड सरकार को निर्देशित करने का कष्ट करेंगे।