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जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र के विधायक सरयू राय की अनुशंसा पर जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत स्थित अनुसूचित जनजातियों का चार जाहिरा स्थल और श्मशान भूमि का चहारदीवारी निर्माण कर घेराबंदी कराने की स्वीकृति झारखंड सरकार के अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग से प्राप्त हुई है

जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र के विधायक सरयू राय की अनुशंसा पर जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत स्थित अनुसूचित जनजातियों का चार जाहिरा स्थल और श्मशान भूमि का चहारदीवारी निर्माण कर घेराबंदी कराने की स्वीकृति झारखंड सरकार के अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग से प्राप्त हुई है। इन चार जाहिरा स्थल और श्मशान भूमि के घेराबंदी के लिए कुल पैंतालीस लाख छयासी हजार चार सौ रुपये का आवंटन विभाग के द्वारा जिला को किया गया है। इसके तहत भुइयांडीह स्थित बाबुडीह में श्मशान (मसना) स्थल का घेराबंदी के लिए 11,16,600 रु., बिरसानगर, जोन नं. 6 में स्थित जाहिरा स्थल का घेराबंदी के लिए 14,50,500 रु. बाबुडीह, कोंदाबस्ती में जाहिरा स्थल का घेराबंदी के लिए 11,16,600 रु. और गोलमुरी, टुइलाडुंगरी स्थित सरना स्थल का घेराबंदी के लिए 9,03,200 रु. का आवंटन सरकार की ओर से किया गया है। इस संबंध में सरकार के सचिव कमल किशोर सोन ने जमशेदपुर के उपायुक्त को पत्राचार कर आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किया है।
सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश के अनुसार उक्त जहिरा स्थल और श्मशान भूमि का संरक्षण एवं विकास हेतु घेराबंदी कराते हुए आवश्यकतानुसार पेयजल की व्यवस्था, मल्टीपरपस हाॅल का निर्माण, चबुतरा का निर्माण, सोलर आधारित बिजली की व्यवस्था, पार्किंग की व्यवस्था, चहारदीवारी पर जनजातीय पैंटिंग, वाॅक वे जैसी विभिन्न आधारभूत संरचना का निर्माण एवं सौंदर्यीकरण कार्य भी किया जाना है। उक्त कार्य का कार्यान्वयन चयनित लाभुक समिति के माध्यम से किया जाना है। लाभुक समिति में संबंधित जहिरा स्थल के आदिवासी सदस्य होंगे जिसकी न्यूनतम संख्या सात एवं अधिकतम ग्यारह होगी।
क्षेत्र भ्रमण के दौरान अनुसूचित जनजाति समाज के प्रतिनिधियों ने विधायक सरयू राय से जहिरा स्थल और श्मशान भूमि के घेराबंदी करवाने की माँग रखी थी। प्रतिनिधियों ने विधायक श्री राय को बताया था कि वे विगत कई वर्षों से इसकी मांग कर रहे हैं लेकिन उनकी मांगों को नहीं सुना गया। घेराबंदी नहीं होने के कारण जहिरा स्थल का अतिक्रमण कर लेने की बात उन्होंने श्री राय से कही थी। श्री राय ने उनकी मांगों को प्राथमिकता देते हुए उक्त भूमि के संरक्षण के लिए उन्होंने कल्याण विभाग को अनुशंसा भेजी थी जिसके फलस्वरूप आज उक्त चार जहिरा स्थलों और श्मशान भूमि का चहारदीवारी निर्माण कर घेराबंदी की स्वीकृति विभाग से प्राप्त हुई है।