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जज मौत मामला: रांची की फॉरेंसिक टीम पहुंची धनबाद, घटनास्थल पहुंचकर जांच में जुटी

जज मौत मामला: रांची की फॉरेंसिक टीम पहुंची धनबाद, घटनास्थल पहुंचकर जांच में जुटी

धनबाद सिविल कोर्ट के जज उत्तम आनंद की मौत मामले पर रांची की पांच सदस्यी फॉरेंसिक टीम घटनास्थल पर पहुंचकर जांच पड़ताल में जुट गई है.

धनबाद: धनबाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की कल हुई मौत के बाद पूरा पुलिस महकमा जांच पड़ताल में जुट गया है. रांची की पांच सदस्यी फॉरेंसिक टीम गुरुवार को धनबाद पहुंची. घटनास्थल पहुंचकर फॉरेंसिक टीम की ओर से जांच की जा रही है. जांच के दौरान सिटी एसपी आर राम कुमार भी मौके पर मौजूद थे
फॉरेंसिक टीम की ओर से सड़क पर पड़ी कई चीजों की बहुत ही सफलतापूर्वक जांच की जा रही है. सड़क पर पड़े कई सामानों को टीम अपने साथ गहनता से जांच के लिए लेकर जा रही है. पूरी घटना का सीसीटीवी फुटेज मिलने के बाद पुलिस हरकत में आई थी. डीआईजी ने भी बुधवार शाम न्यायाधीश के परिजनों से मुलाकात कर जानकारी ली थी. इसके साथ ही पुलिस ने मुस्तैदी के साथ अनुसंधान करते हुए गिरिडीह से न्यायधीश को टक्कर मारने वाले ऑटो को भी जब्त कर लिया है. इसके साथ ही तीन लोगों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
दरअसल, बुधवार की सुबह न्यायाधीश उत्तम आनंद मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे. सुबह 7:00 बजे तक जब वह घर पर वापस नहीं लौटे, तो परिजनों ने उनके नहीं आने की सूचना सदर थाना को दी. इसके बाद सदर थाना की पुलिस हरकत में आई. इस दौरान पुलिस को एसएनएमएमसीएच में एक अज्ञात शव होने की सूचना मिली. पुलिस तुरंत शव की शिनाख्त के लिए पहुंची. न्यायधीश के बॉडीगार्ड ने शव की शिनाख्त की थी. जज की पत्नी ने मामले को लेकर सदर थाना में हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई है.
धनबाद सिविल कोर्ट के जज उत्तम आनंद (की मौत मामले पर गुरुवार को झारखंड हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि झारखंड में कानून व्यवस्था की स्थिति नागालैंड से भी खराब हो गई है. हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन ने कहा कि यह न्यायपालिका पर हमला है. झारखंड की विधि व्यवस्ता बदतर हो गई है. इससे अच्छे तो नगालैंड और अन्य राज्य हैं. सीसीटीवी फुटेज देखने से साफ है कि जानबूझकर हमला किया गया है.
सुनवाई के दौरान अदालत ने पुलिस को फटकार लगाई. एफआईआर दर्ज करने को लेकर पुलिस के बयान पर सवाल उठाए. अदालत ने कहा कि दो तरह का जवाब अदालत में क्यों दिया जा रहा है. क्या यह लापरवाही नहीं है. ऐसी घटना से राज्य के सभी न्यायिक पदाधिकारी डेमोरलाइज होंगे. यह बहुत ही शर्मनाक घटना है.
वहीं,सुप्रीम कोर्ट बार एसोशिएशन के अध्यक्ष विकास कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने कहा कि जज की हत्या से जुड़े मामले का झारखंड के मुख्य न्यायाधीश संज्ञान ले चुके हैं और मामले में संबंधित अधिकारी को पेश होने का निर्देश दिया गया है.
48 घंटे के अंदर झारखंड में एक अधिवक्ता की हत्या और जज की संदिग्ध परिस्थिति में मौत का मामला तूल पकड़ने लगा है. घटना को लेकर झारखंड के अधिवक्ता आक्रोशित हैं. वकील की हत्या के विरोध में जहां शुक्रवार को प्रदेश भर के अधिवक्ता हड़ताल पर रहेंगे तो जज की संदिग्ध हालात में मौत का मामला हाई कोर्ट में पहुंच गया है. झारखंड के अधिवक्ता इन दोनों मामलों को एक दूसरे से जोड़ रहे हैं. उनका कहना है कि ज्युडिशियरी से जुड़े लोगों को निशाना बनाया जा रहा है.