झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

जीने की हिम्मत मिलती

जीने की हिम्मत मिलती
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अपने देते प्यार अगर तो, कभी कभी नफरत मिलती
मुश्किल बहुत अकेले जीना, अपनों से ताकत मिलती

आपस में समझौता करके, बसता है परिवार सदा
जहाँ बुरी आदत से ज्यादा, कुछ अच्छी आदत मिलती

अपनों को नित बुरा कहे जो, और पड़ोसी को अच्छे
बिखरे वो परिवार जहाँ पर, खोट भरी नीयत मिलती

प्रेम-समर्पण जहाँ परस्पर, आपस में विश्वास मिले
कोई फर्क नहीं पड़ता तब, दौलत या गुरबत मिलती

सुख दुख आते जाते हैं पर, बदनीयत से दूर सुमन
ऐसे लोगों को परिजन से, जीने की हिम्मत मिलती

श्यामल सुमन