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जैन समाज की मांग को पूर्वी सिंहभूम जिला अग्रवाल सम्मेलन का समर्थन सम्मेद शिखर को रहने दिया जाए तीर्थ स्थल – ना बनाएं पर्यटन स्थल पारसनाथ है जैन और जनजातीय समुदाय दोनों की आस्था का केंद्र

जैन समाज की मांग को पूर्वी सिंहभूम जिला अग्रवाल सम्मेलन का समर्थन सम्मेद शिखर को रहने दिया जाए तीर्थ स्थल – ना बनाएं पर्यटन स्थल पारसनाथ है जैन और जनजातीय समुदाय दोनों की आस्था का केंद्र

जमशेदपुर- झारखंड में प्राचीन तीर्थ स्थल श्री सम्मेद शिखर जी जैन समाज की आस्थाओं का केंद्र है, साथ ही आदिवासी समुदाय की धार्मिक आस्थाएं भी सम्मेद शिखर पर्वत के साथ जुड़ी हुई है.

गिरिडीह जिला मुख्यालय से करीब 35 किमी. दूर पारसनाथ पहाड़ (श्री सम्मेद शिखर) एवं इसकी तलहटी पर बसे शहर मधुबन की पहचान जैन धर्मावलंबियों के कारण पूरी दुनिया में है. देश-विदेश से जैन धर्म को मानने वाले लोग यहां पहुंचते हैं और पा‌र्श्वनाथ समेत बीस तीर्थंकरों की पूजा-अर्चना करते हैं. यहां के जैन मंदिर, धर्मशालाएं तथा प्राकृतिक सौंदर्य देखकर जो भी आता है, वह मोहित हो जाता है. लेकिन बहुत कम लोगों को मालूम है कि पारसनाथ पहाड़ आदिवासियों विशेषकर संथालों का भी विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है. सोहराय एवं वैशाख पुर्णिमा के मौके पर झारखंड के अलावा बंगाल, उड़ीसा एवं नेपाल से संथाल समाज के लोग यहां पूजा करने पहुंचते हैं. संथाली एवं जैन दोनों की अलग-अलग संस्कृति है. जैन समाज के लोग जहां पूरी तरह से शाकाहारी होते हैं जबकि संथालियों की पूजा में बलि प्रथा प्रचलित है. लेकिन जिस तरह पहाड़ पर जैनियों के अराध्य पा‌र्श्वनाथ समेत बीस तीर्थंकर एवं संथालों के अराध्य मारांग बुरू एक साथ हैं, उसी तरह दोनों समुदाय के लोग भी आपस में मिलजुलकर अपनी-अपनी पद्धति से पूजा-अर्चना करते हैं. कहा जा सकता है कि पारसनाथ पहाड़ भगवान पा‌र्श्वनाथ एवं मारांग बुरू की एकता का केंद्र है. झारखंड सरकार द्वारा जैन धर्म के सबसे धार्मिक स्थल सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करना जैन समाज एवं आदिवासी समुदाय की आस्थाओं से खिलवाड़ करने जैसा है. इस निर्णय के विरोध में जैन संत बलिदान होने को तैयार हैं.

पूर्वी सिंहभूम जिला अग्रवाल सम्मेलन इस विषय में जैन समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हुआ है. प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुये प्रदेश प्रेस प्रवक्ता कमल किशोर अग्रवाल, अध्यक्ष संदीप मुरारका, महासचिव अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, कोषाध्यक्ष पीयूष गोयल, अग्रवाल युवा मंच के अध्यक्ष रोहित अग्रवाल, महासचिव महेश भाऊका एवं कोषाध्यक्ष गौरव अग्रवाल ने कहा कि हम सरकार से मांग करते हैं कि तुरंत प्रभाव से पर्यटन स्थल घोषित करने का निर्णय वापस लिया जाए और तपो भूमि की पवित्रता बनाए रखने के लिए उसे धार्मिक स्थल ही रहने दिया जाए.