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इंटक यूनियनों की विशाल मोटरसाइकल रैली 1 मई को, आदित्यपुर पुल से शुरु होकर टाटा मोटर्स यूनियन में होगी समाप्त

इंटक यूनियनों की विशाल मोटरसाइकल रैली 1 मई को, आदित्यपुर पुल से शुरु होकर टाटा मोटर्स यूनियन में होगी समाप्त

जमशेदपुर : जमशेदपुर और सरायकेला समेत क्षेत्र की तमाम इंटक यूनियनें 1 मई को विशाल मोटर साइकल रैली निकालने जा रही है. रैली का मुख्य उद्देश्य मजदूरों में जागरुकता पैदा करना है.कई तरह की कम्पनियों से भरे पड़े जमशेदपुर और आसपास के इलाके मजदूरों के प्रभाव वाला क्षेत्र हैं जहां इंटक यूनियनें हैं. झारखंड प्रदेश इंटक के अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय ने टीनप्लेट वर्कर्स यूनियन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर संवाददाताओं को इसकी जानकारी दी.
संवाददाता सम्मेलन में टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष गुरमीत सिंह तोते, जिला कांग्रेस अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे प्रदेश इंटक महामंत्री महेंद्र मिश्रा, टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष अनिल शर्मा, टिनप्लेट वर्कर्स यूनियन के महामंत्री मनोज सिंह, परविंदर सिंह, एवं रामाश्रय प्रसाद के अलावे प्रेस प्रवक्ता जिम्मी भास्कर भी उपस्थित थे.
राकेश्वर पाण्डेय ने बताया की जमशेदपुर की सभी कंपनियों के यूनियन के नेता एवं मजदूर एक साथ मिलकर आदित्यपुर पुल के पास से मोटरसाईकल जुलूस निकालेंगे. जो खरकाई ब्रिज से बिस्टुपुर वोल्टास हॉउस, बिष्टुपुर मेन रोड से मुख्य पोस्ट ऑफिस होते हुए साकची थाना के सामने से बसंत टॉकीज होते हुए आर डी टाटा के सामने से गोलमुरी टिनप्लेट नीलडीह तार कंपनी, टाटा मोटर्स एक नंबर गेट होते हुए टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के समक्ष समाप्त होगी. जहां मजदूरों की विशाल सभा का आयोजन किया गया है.
प्रदेश इंटक अध्यक्ष राकेश्वर पाण्डेय ने कहा कि मजदूरों और श्रमिकों की उपलब्धियों का सम्मान करने और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए दुनिया-भर में हर साल एक मई को अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस मनाया जाता है इसकी उत्पत्ति 19 वीं शताब्दी में संयुक्त राज्य अमेरिका में श्रमिक संघ आंदोलन से हुई जो कि विशेष रूप से आठ घंटे का आंदोलन था.
न्यूयॉर्क श्रम दिवस को मान्यता देने वाला बिल पेश करने वाला पहला राज्य था जबकि ओरेगन 21 फरवरी, 1887 को इस पर एक कानून पारित करने वाला पहला राज्य था साल 1877 में मजदूरों ने अपने काम के घंटे तय करने की मांग को लेकर एक आंदोलन शुरू किया था. इसके बाद 1886 में पूरे अमेरिका में लाखों मजदूर इस मुद्दे पर एकजुट हो गए और हड़ताल की. इस हड़ताल में लगभग 11 हजार फैक्ट्रियों के 3 लाख 80 हजार मजदूर शामिल हुए. इसके साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि एक मई को अवकाश घोषित किया जाएगा. वहीं एक मई को आयोजित रैली एवं सभा में सभी कंपनियों के मजदूर हजारों की संख्या में उपस्थित रहेंगे.