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हुतात्मा पंडित नाथूराम गोडसे का जन्मदिन बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया

जमशेदपुर-19 मई को हुतात्मा पंडित नाथूराम गोडसे का जन्मदिन बड़े ही हर्षोल्लास के साथ भारतीय जन महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार ने अपने निवास में मनाया
इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्र के नाम संदेश जारी करते हुए कहा कि सन 1947 के मंजर को याद करके आप सभी जान सकेंगे कि उस समय क्या स्थितियां थी ।
नवनिर्मित पाकिस्तान से लाखों की संख्या में हिंदू शरणार्थी के रूप में भारत की ओर चले आ रहे थे । वह 40 मील लंबा जुलूस था । रास्ते में भूखे प्यासे बच्चों को प्यास लगने पर अपना पेशाब तक लोगों ने पिलाया ।
किस प्रकार का मंजर था वह दुख होता है यह जानकर कि जिस व्यक्ति ने 1946 के चुनाव में यह कहा हो कि ‘देश का बंटवारा होगा तो मेरी लाश पर’ उस व्यक्ति की आंखों के समक्ष बंटवारा हुआ । और यह लोग नई दिल्ली में स्वतंत्रता का जश्न मनाते रहे । कुछ लोग जो दिल्ली पहुंचे भी तो उन लोगों को जहां स्थान मिला वहां शरण ली ।
कुछ लोग मस्जिदों में भी शरण लिए हुए थे । उस समय गांधी ने उनको उस मस्जिद से स्थान खाली करने को कहा । बरसात हो रही थी , कड़ाके की ठंड पड़ रही थी और लोगों को सड़क पर इसी प्रकार मरने के लिए छोड़ दिया गया ।
अनेक बातें हैं , इतना ही कहना चाहेंगे कि गांधी ने देशवासियों के साथ छल किया था । नाथूराम गोडसे का खून खौलना स्वाभाविक था
यह भी एक जगह जानकारी मिली कि नाथूराम से पहले भी बीसों लोग गांधी को मारने पर तुले हुए थे । यह तो गोडसे के हाथो उनको गोली लगनी थी और उनके हाथों उन्हें अमर होना था । कहा कि पंडित नथूराम गोडसे ने गांधी को गोली मारकर गांधी को इस देश के लिए जीवंत बना दिया ।
जब तक गांधी का नाम इस देश में रहेगा तब तक हुतात्मा पंडित नथूराम गोडसे का भी नाम अमर रहेगा ।जिस प्रकार का यह हुआ हम पंडित नथूराम गोडसे से बहुत प्रभावित हैं ।