झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

गीत समय पर लिख देना

गीत समय पर लिख देना
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लिखना जीवन-संघर्षों को, गीत समय पर लिख देना
दया, प्रेम, करुणा के सारे, गीत समय पर लिख देना

वर्तमान की क्या है हकीकत, अगर गवाही लेखन दे
पढ़ते लोग वही आगे ये, रीत समय पर लिख देना

मानवता के पक्ष में लिखकर, जो परिवेश बदल पाते
कलमकार बस वो समाज का, मीत समय पर लिख देना

अलग अलग मौसम के जैसे, हर शासक के रूप अलग
पतझड़, गरमी, बारिश के सँग, शीत समय पर लिख देना

काली रात मिटाकर यारों, निकले सूरज रोज सुमन
आशा जिससे जगे वही, संगीत समय पर लिख देना

श्यामल सुमन