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एक्सएलआरआइ में हुआ इंटरनेशनल सीइओ कॉन्क्लेव, दिग्गजों ने कहा- क्लाइमेट चेंज से निबटने के लिए कार्बन मूल्य निर्धारण है कारगर तरीका

एक्सएलआरआइ में हुआ इंटरनेशनल सीइओ कॉन्क्लेव, दिग्गजों ने कहा- क्लाइमेट चेंज से निबटने के लिए कार्बन मूल्य निर्धारण है कारगर तरीका

एक्सएलआरआइ में पीजीडीएम ( जीएम ) बैच के कम्यूनिकेशन क्लब ओरेशिया की ओर से इंटरनेशनल सीइओ कॉन्क्लेव अवेंसिस का आयोजन किया गया. जिसमें भारत के साथ ही कई विदेशी कंपनियों के सीइओ ने हिस्सा लिया. कॉन्क्लेव की शुरुआत एक्सएलआरआइ के फाइनांस व एडमिनिस्ट्रेशन डीन फादर डोनाल्ड ने स्वागत भाषण से किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की समस्या वैश्विक स्तर पर है. इस समस्या से निबटने में कॉरपोरेट सेक्टर एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. किस प्रकार इस समस्या से निबटा जा सके, इसके साथ ही आज के दौर में डेटा और इनोवेशन के इस्तेमाल से कैसे सकारात्मक बदलाव लाए जा सकते हैं, इस पर मंथन करने के लिए एक्सएलआरआइ की ओर से उक्त इंटरनेशनल सीइओ कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया. इस दौरान कॉन्क्लेव की थीम बियांड बाउंड्रीज : सस्टेन, इनोवेट एंड ट्रांसफॉर्म की भी लांचिंग की गयी. पहला पैनल यूएसएमसीए क्षेत्र पर केंद्रित किया गया था. जिसमें जलवायु नीति और कॉर्पोरेट लीडर्स के महत्वपूर्ण रोल का विश्लेषण किया. पहले पैनल में मॉडरेटर की भूमिका मौके पर एक्सएलआरआई के प्रोफेसर फादर कुरुविला जोसेफ पांडिकट्टू एस जे ने निभायी. इस पैनल में कैनेडियन एविएशन पार्टनर्स के सीईओ सह प्रेसिडेंट माइकल रोडिनियुक, बाइसेल्वा के संस्थापक सह सीइओ माइकल कोह और वर्क्स फ्रॉम न्यूयॉर्क के सह संस्थापक सह सीइओ सुमीत सलवान मौजूद थे. सभी ने कार्बन उत्सर्जन को कम करने से जुड़ी अपनी बातों को प्रस्तुत करते हुए वैश्विक स्तर पर कार्बन मूल्य निर्धारण को बढ़ावा देने की बात कही उन्होंने कहा कि यह जलवायु परिवर्तन से निपटने का एक तरीका है. यह एक जलवायु नीति दृष्टिकोण है, जिसका उपयोग दुनिया भर के कई देशों और उपराष्ट्रीय न्यायालयों में किया जाता है. कार्बन मूल्य निर्धारण का मकसद, उत्सर्जन की लागत को उत्सर्जकों पर डालना है.
कार्बन मूल्य निर्धारण के तहत, उत्सर्जकों से कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) के टन उत्सर्जन के लिए शुल्क वसूला जाता है. इसका मकसद, उन लोगों पर इन लागतों की जिम्मेदारी डालना है जो उत्सर्जन का उत्पादन करते हैं. इससे कंपनियों और देशों को अपने उत्सर्जन को कम करने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन मिलता है.
वहीं, दूसरे पैनल में एपीएसी में विनियामक परिदृश्य का विकास: सीईओ अनुपालन और शासन विषय पर एक पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया. जिसमें सिंगापुर में फ्रेश आइडियाज के सीइओ चार्ल्स मैनुअल, ऑस्ट्रेलिया के ग्रेटर मेलबर्न सेंटेलोन के सीइओ अजीत स्टीफन, ग्रेटर सिडनी में लेक्स टेक्नोलॉजीज के सीईओ अनत सहाय और इंडोनेशिया के सॉविटप्रो के सीईओ अभिषेक सिंह शामिल हुए.
इस दौरान सभी ने विभिन्न प्रकार की जटिलताओं का विश्लेषण किया. एपीएसी कारोबारी माहौल में अनुपालन की चुनौतियों से निपटने से संबंधित चर्चाएं की गयी. चार्ल्स मैनुअल ने स्थिरता-संचालित नियमों और निर्णायक के बीच महत्वपूर्ण संबंध पर जोर दिया साथ ही उन्होंने प्रतिस्पर्धात्मकता बनाए रखने में डेटा की भूमिका को काफी महत्वपूर्ण बताया. जबकि अजीत स्टीफन ने बदलते नियामक परिदृष्य में बढ़ती जटिलता पर प्रकाश डालते हुए उसके अनुपालन और चुनौतियों पर बल दिया. अभिषेक सिंह ने आज के दौर में डेटा को किसी भी कंपनी के लिए सबसे कारगर साधन बताया. इस दौरान व्यावसायिक अनिवार्यता के रूप में स्थिरता का महत्व, प्लास्टिक को कम करना और गोदामों को नवीकरणीय स्रोतों से बिजली देने के संबंधित सभी ने निर्णय लिए. मौके पर विद्यार्थियों ने कई सवाल भी पूछे, जिसका सभी ने जवाब दिया.