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दूल्हे की तरह सजा कर तरनजीत को दी अंतिम विदाई मनीला गुरुद्वारा में हुई अरदास और लंगर

दूल्हे की तरह सजा कर तरनजीत को दी अंतिम विदाई मनीला गुरुद्वारा में हुई अरदास और लंगर

जमशेदपुर। गत रविवार को फिलीपींस की राजधानी मनीला में अज्ञात हमलावरों द्वारा मारे गए बिजनेसमैन तरनजीत सिंह उर्फ समी को दूल्हे की भांति सजाकर अंतिम संस्कार कर दिया गया।
वहां पर तरनजीत के अंतिम संस्कार में सिख समुदाय के साथ ही भारतवंशी एवं स्थानीय फिलीपींस समुदाय के लोग शामिल हुए।
दूल्हे की तरह उसे नए वस्त्र पहनाए गए। सर पर सेहरा सजाया गया। कलाई पर धागे बांधे गए। एंटीपॉलो गुरुद्वारा के ग्रंथी बाबा ने घर, श्मशान घाट एवं गुरुद्वारा में अरदास एवं पाठ किया। जो अंतिम अरदास में शामिल हुए थे। उन्होंने गुरुद्वारे में लंगर भी ग्रहण किया।
अपने चार साल के अल्पकाल में उसने स्थानीय एवं सिख समुदाय का दिल जीता था । वह आज अंतिम यात्रा में दिखा। जब स्वर्ण सिंह, जोजो सिंह, फौजी सिंह, जोहल सिंह ,के पी सिंह सहित तीन सौ से ज्यादा लोग शामिल हुए। तरनजीत के मामा कुलदीप सिंह ने बताया कि पन्द्रह मिनट में दहन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अस्थि उन्हें दे दी गई। जिसे एंटीपोलो गुरुद्वारा में रखवा दिया गया है। हवाई सेवा शुरू होते ही अस्थि भारत भेजवा देंगे। जिसे स्वर्णरेखा नदी में विसर्जित किया जाएगा। घर वालों ने अंतिम क्रिया लाइव देखी
तरनजीत के ननिहाल में नाना गुरदयाल सिंह, मामा गुरदीप सिंह पप्पू, मां जसवीर कौर और सभी रिश्तेदारों ने दूल्हे की तरह सजाने से लेकर अंतिम संस्कार तक सारे कार्यक्रम लाइव देखें। व्हाट्सएप के माध्यम से सारा कुछ देख रहे थे और आवश्यक निर्देश भी कुलदीप को दे रहे थे।
मानगो स्थित घर में सुखमणि साहब पाठ हुआ
मानगो स्थित ससुराल में जसवीर कौर पति दयाल सिंह से अलग रहती है और उसने अलग से अपनी जमीन पर मकान बनवा रखा है। जहां दोपहर में श्री सुखमणि साहब का पाठ मानगो स्त्री सत्संग सभा की जत्थे के द्वारा किया गया। जिसमें प्रधान भगवान सिंह, पूर्व प्रधान कुलदीप सिंह और अन्य कई लोग शामिल हुए।
20 जुलाई को साकची गुरुद्वारा में अंतिम अरदास
मामा गुरदीप सिंह पप्पू ने बताया कि तरनजीत सिंह के निमित्त अठारह जुलाई को श्री अखंड पाठ रखा जाएगा। बीस जुलाई की सुबह ग्यारह बजे साकची गुरुद्वारा में भोग और अंतिम अरदास होगी।
इधर बुधवार को भी विभिन्न सामाजिक धार्मिक एवं राजनीतिक संगठन के लोग सीतारामडेरा स्थित गुरदीप सिंह पप्पू के घर पहुंचे और परिवार को ढांढस बंधाया।