झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

दूध का जला  मठा भी फूँक फूँक कर पीता है  आज भारत की जनता मोदी  के उसी अच्छे दिन  के दूध की जली हुई है

जमशेदपुर-  झारखंड प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश सचिव रईस रिजवी छब्बन ने प्रेस बयान जारी करते हुए बताया कि दूध का जला  मठा भी फूँक फूँक कर पीता है  आज भारत की जनता मोदी  के उसी अच्छे दिन  के दूध की जली हुई है . घरेलु गैस की कीमतों में 200 रु. की कमी की जाय या उसे मुफ्त ही कर दिया जाय  जनता पर कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है. हो सकता है कि आज कल में आपको पेट्रोल डीजल की कीमतों में भी कमी देखने को मिले. लेकिन क्या वर्षा जब क़ृषि सुखाने  चुनावी दस्तक के बाद जनता को दिए जा रहे यह लॉलीपॉप ठीक उसी तरह है  जैसे किसी की दोनों आँखे निकाल कर उसे चश्मा भेंट किया जाय. आजादी के अमृतकाल में अब आप जनता को बेवकूफ़ नहीं बना सकते हैं . जनता समझ गई है कि मोदी सरकार गरीब , पिछड़ा , दलित और अल्पसंख्यक विरोधी सरकार है . यह मैं कोंग्रेसी मानसिकता से नहीं बल्कि जमीनी हकीकत बयां कर रहा हूं. जातीय जनगणना पर मोदी सरकार द्वारा गिरगिट की तरह बदलते रंग ने इस धारणा को और पुख्ता कर दिया है . मैं जमींदार परिवार में सोने की चम्मच लेकर पैदा हुआ एक उच्च जाति का सदस्य हूं , लेकिन मेरा अधिकांश समय पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यक भाइयों के साथ गुजरता है , इसलिए मैं उनकी भावनाओं और विचारों का कद्र करते हुए उसे अच्छी तरह समझता हूं . वे मोदी के नाली से गैस निकालने के फॉर्मूले को अच्छी तरह समझ गए हैं . एक बात मेरी समझ में नहीं आती है कि इंडिया INDIA के अस्तित्व में आने के बाद से भाजपा का चिंतित होना तो स्वाभाविक है, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक मीडिया इतना परेशान क्यों है ? क्या इसलिए की उसकी सारी भविष्यवाणीयां फेल होती जा रही हैं  या मोदी के प्रति अतिशय प्रेम है ? मुझे दुख है कि अंग्रेजी प्रिंट मीडिया को छोड़ हिंदी प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने अपनी विश्वासनीयता को जनता के सामने संदिग्ध ही नहीं बल्कि सरकारी प्रचार तंत्र बना दिया है. हिंदी समाचार पत्रों को पढ़ते समय कभी कभी लगता है कि आर एस एस का मुख पत्र पांचजन्य तो नहीं पढ़ रहा हूं . यह भारत जैसे लोकतंत्र के लिए एक अशुभ संकेत है. ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा का प्रचार तंत्र दीनदयाल मार्ग से नोएडा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के स्टूडियो में शिफ्ट कर गया है. हम आशानवित हैं कि कल और परसों मुंबई में होने जा रही इंडिया महागठबंधन की बैठक में वह सब कुछ होगा, जिसकी अपेक्षा इंडिया कर रहा है. इसमें कोई शक की गुंजाईश ही नहीं है कि आज भारत के हर गरीब के घर घर में इंडिया की गूंज सुनाई दे रही है , जिसकी उत्पत्ति  राहुल गाँधी की ऐतिहासिक भारत जोड़ो यात्रा से शुरू हुई थी  जो आज इंडिया के रूप में सामने है