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डालसा एवं आली संस्था के सहयोग से न्याय सदन में महिला अधिकार उत्पीड़न पर कायर्शाला आयोजित किया गया

डालसा एवं आली संस्था के सहयोग से न्याय सदन में महिला अधिकार उत्पीड़न पर कायर्शाला आयोजित किया गया

जमशेदपुर: सिविल कोर्ट जमशेदपुर स्थित जिला विधिक सेवा प्राधिकार के न्याय सदन भवन में आज महिला अधिकार उत्पीड़न और घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम कानून पर कार्यशाला आयोजित किया गया । झालसा रांची के निर्देश पर आली संस्था की ओर से आय़ोजित सेमिनार में सिविल कोर्ट जमशेदपुर के प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट ज्योत्सना पांडेय , एकता सक्सेना , नमिता मिंज एवं डालसा के मिडिएटर अधिवक्ता प्रीती मुर्मू तथा आली संस्था की ओर से अधिवक्ता बबली , अधिवक्ता अब्यलिका ,अधिवक्ता मोहनी मौजूद थीं. इस कायर्शाला में डालसा के पैनल लॉयर्स एवं रिमांड लॉयर्स के बीच उक्त अधिनियम में वर्णित कानूनी प्रावधानों एवं पहलूओ पर गहन परिचर्चा किया गया इस दौरान बताया गया कि महिला का फिजिकल इमोशनल एवं सायक्लोजिकल टॉर्चर हिंसा है कार्यशाला में फैमिली कोर्ट में चलने वाले केस की स्थिति एवं उसके निष्पादन की प्रक्रिया पर भी विस्तार से चर्चा किया गया साथ ही महिला अधिकार उत्पीड़न की शिकार महिलाओं के संरक्षण से जुड़े प्रावधानों , प्रोटेक्शन अधिकारी के कार्य , रिमांड अधिवक्ता की भूमिका , आपातकालीन परिस्थितियों में उठाये जाने वाले कदम , नोटिस की तामिला , पुलिस का कर्त्तव्य , पीड़ित महिला के आश्रय एवं चिकित्सा सुविधा आदि के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला गया । कार्यशाला में बताया गया कि घरेलू हिंसा से जुड़े मामले की सुनवाई प्रथम श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में होती है. घरेलू हिंसा अधिनियम के सेक्शन 14 में ऐसे मामलों में काउसलिंग, रि-काउंसलिंग, मिडिएशन वगैरह का भी प्रावधान है. निचली अदालत से मामला का निपटारा होने के 30 दिनों के भीतर ऊपरी अदालत में अपील की जा सकती है. सेमिनार में दो दर्जन से अधिक पैनल लॉयर एवं रिमांड अधिवक्ता सम्मिलित थे