झारखण्ड वाणी

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चतरा पुलिस को मिली बड़ी सफलता राजपुर पुलिस ने एक अफीम तस्कर के साथ लगभग दस किलोग्राम अफीम किया बरामद

राज्य सरकार के पास अबतक टीके की कुल खुराक की उपलब्धता के अनुसार, वैक्सीन का अपव्यय अनुपात केवल 4.65 प्रतिशत है। तकनीकी कठिनाइयों के कारण टीकाकरण डेटा को केंद्रीय को-विन सर्वर पर पूरी तरह से अपडेट नहीं किया जा सका। इसका अपडेशन प्रक्रिया में है। राज्य सरकार द्वारा जिलों को 48.63 लाख टीके की आपूर्ति की गई है। जिलों द्वारा अबतक 42.07 लाख टीकों का उपयोग किया गया है। जिलों में कुल टीके की कवरेज को देखें तो वह 40.12 लाख है, जबकि अपव्यय का प्रतिशत 4.63 है।
राज्य सरकार टीकों की कम से कम बर्बादी सुनिश्चित करने के लिए यथासंभव उपलब्ध वैक्सीन खुराक का अधिकतम उपयोग करने का प्रयास कर रही है। राज्य के सुदूरवर्ती और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण जागरूकता अभियान के साथ इसे और कम करने का प्रयास किया जा रहा है।
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*झारखंड पुलिस द्वारा राज्य में यास तूफान से होने वाले असर से आम लोगों की सहायता हेतु व्यापक तैयारियां की गई हैं। पुलिस महानिदेशक नियंत्रण कक्ष झारखंड पुलिस के द्वारा पूरे हालात की निगरानी की जा रही है। राज्य के सभी जिलों के प्रशासनिक पदाधिकारी आपसी सामंजस्यता के साथ जिला नियंत्रण कक्ष के द्वारा जिलों की पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। राज्य के सभी थानों को अलर्ट मोड में रखा गया है तथा सभी जिलों के पुलिस वरीय पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वह स्वयं प्रभावित स्थानों पर उपस्थित होकर प्रत्येक स्थिति पर नजर रखें। आपातकालीन स्थिति से निपटने हेतु बनाए गए सुरक्षित टीमों को अलर्ट मोड पर रखा गया है, जो किसी भी स्थिति से निपटने में पूरी तरह सक्षम हैं।
इसके अलावा पुलिस महानिदेशक एवं महानिरीक्षक झारखंड ने सभी जिला के वरीय पुलिस अधीक्षकों एवं पुलिस अधीक्षकों को इस तुफान से निपटने के लिए निम्नलिखित दिशा- निर्देश दिये हैं।
1सभी प्रभावित जिलों के संवेदनशील क्षेत्रों में उपलब्धता के आधार पर एनडीआरएफ की टीम की तैनाती की जाए।
2राष्ट्रीय राजमार्गों के लंबे हिस्सों वाले क्षेत्र में आकस्मिक चिकित्सा हेतु एंबुलेंस के साथ बचाव दल की तैनाती की जाए।
3एंबुलेंस एवं ऑक्सीजन ले जाने वाले वाहनों को सुरक्षित लक्ष्य तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाए।
4विद्युतआपूर्ति बाधित होने की स्थिति में राज्य का मोबाइल नेटवर्क बाधित हो सकता है, वैसी स्थिति के लिये पुलिस वायरलेस सिस्टम को आपातकालीन संचार हेतु तैयार रखा जाए।
5आकस्मिक स्थिति के लिए नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के पुलिस थानों में सेटेलाइट फोन उपलब्ध कराते हुए उसका उपयोग किया जाए।
6कोविड-19 अस्पतालों को आकस्मिकता के स्थिति में जनरेटर व्यवस्था एवं उसका बैकअप भी तैयार रखने हेतु निर्देशित किया जाए।
7सभी अति संवेदनशील क्षेत्रों से स्थानीय लोगों एवं पशुओं को एहतियातन सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाए।
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*”जीविका भी,जीवन भी” के मंत्र के साथ चल रही सरकार मनरेगा से मिल रहा सर्वाधिक रोजगार*

रांची-वैशविक माहामारी कोविड-19 के मद्देनजर ”जीविका भी, जीवन भी” के मंत्र के साथ मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन सरकार आगे बढ़ रही है। इसी के तहत ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने तथा ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने की पहल की गई है। इस कार्य में मनरेगा योजना अहम रोल निभा रही है। राज्य सरकार ने मनरेगा योजना के तहत राज्य के ग्रामीण एवं प्रवासी श्रमिकों को उनके गांव और टोला में ही रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य तय किया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य में वापस आने वाले प्रवासी श्रमिकों को उनके क्वारंटाइन अवधि के दौरान ही जॉब कार्ड उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रयास है कि क्वारंटाइन अवधि पूर्ण होने के साथ उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जा सके। वित्तीय वर्ष 2021- 22 में अब तक कुल 33 हजार परिवारों को नया जॉब कार्ड निर्गत किया गया है, जिसमें 51 हजार से अधिक श्रमिक शामिल हैं।
वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021- 22 में अब तक कुल 13.80 लाख मजदूरों को मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराया गया है तथा 228 लाख मानव दिवस सृजित किए गए हैं। हर इच्छुक परिवार और मजदूर को यथासंभव उनके गांव और टोला में ही रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रत्येक गांव टोला में कम से कम 5 से 6 योजनाओं के क्रियान्वयन का लक्ष्य सरकार ने तय किया है। इस हेतु राज्य सरकार द्वारा शुरुआत की गई योजनाओं यथा नीलाम्बर- पीताम्बर जल समृद्धि योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना, वीर पोटो हो खेल विकास योजना, दीदी बाड़ी योजना आदि के क्रियान्वयन पर विशेष फोकस किया जा रहा है। इन योजनाओं में सभी श्रमिकों को ससमय रोजगार उपलब्ध कराते हुए गुणवत्तापूर्ण परिसंपत्तियों के निर्माण पर बल दिया जा रहा है। सभी इच्छुक श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही राज्य सरकार द्वारा प्रारंभ की गई उक्त सभी योजनाओं के समयबद्ध तरीके से क्रियान्वयन पर जोर दिया जा रहा है। वहीं जल संरक्षण एवं पौधारोपण कार्य को मिशन मोड में वैज्ञानिक ढंग से क्रियान्वित कराया जा रहा है।
वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक योजना से जुड़े कुल 47,242 कार्य को पूर्ण किया गया है। वहीं 9.42 लाख योजना कार्य चालू है। कुल व्यय की लगभग 81 प्रतिशत राशि प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन से जुड़ी योजनाओं पर व्यय किया गया है। इसके साथ ग्रामीणों को मनरेगा से जोड़ने तथा आजीविका के उद्देश्य से कृषि एवं कृषि से संबंधित कार्यों का क्रियान्वयन कराया जा रहा है। वर्तमान में कृषि एवं कृषि से संबंधित योजनाएं झारखंड में 94.33% प्रतिशत हैं, जो पूरे देश में सर्वाधिक है। महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु मनरेगा अंतर्गत मेट के रूप में सखी मंडल की दीदियों का चयन किया गया है। उन्हें प्रशिक्षित कर कार्य कराया जा रहा है।
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*चतरा: चतरा पुलिस को मिली बड़ी सफलता राजपुर पुलिस ने एक अफीम तस्कर के साथ लगभग दस किलोग्राम अफीम किया बरामद

एसपी ऋषभ झा के गुप्त सूचना के आधार पर राजपुर थाना क्षेत्र के जोलडीहा-राजपुर मुख्य सड़क गेरी के समीप अफीम के साथ तस्कर को गिरफ्तार किया गया है पुलिस अफीम तस्कर से कर रही पूछताछ, गिरफ्तार तस्कर के निशानदेही पर पुलिस का अभियान जारी। और भी सफलता हाथ लगने की आशंका। थाना प्रभारी अनिल कुमार ने खबर की पुष्टी की *

लॉकडाउन 3 जून तक बढ़ाने का हेमंत सरकार ने लिया फैसला*

3 जून तक बढ़ा स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह।सीएम ने लिया फैसला। 27 मई सुबह 6 बजे को अवधि समाप्त होने वाली थी इसके पहले सरकार ने यह निर्णय लिया है कि आंशिक लॉकडाउन के अवधि अब एक सप्ताह और बढ़ा दी जाएगी यानी लॉकडाउन 3 जून तक जारी रहेगा। यह निर्णय मंगलवार देर शाम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुए आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में लिया गया है।*