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चक्रवात यास की वजह से जमशेदपुर समेत आसपास के इलाकों में दो दिन से लगातार बारिश हो रही है। इसकी वजह से शहर से होकर गुजरने वाली खरकई और स्वर्णरेखा नदी उफान पर है। दोनों नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है

जमशेदपुर- चक्रवात यास की वजह से जमशेदपुर समेत आसपास के इलाकों में दो दिन से लगातार बारिश हो रही है। इसकी वजह से शहर से होकर गुजरने वाली खरकई और स्वर्णरेखा नदी उफान पर है। दोनों नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है। इससे बागबेड़ा और मानगो के निचले इलाकों के सैकड़ों घर में बाढ़ का पानी घुस गया है।
हालात का जायजा लेने के लिए पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त (डीसी) सूरज कुमार और वरीय पुलिस अधीक्षक एम तमिल वणन (एसएसपी) ने आज निकलकर दोनों अधिकारियों ने बागबेड़ा, सोनारी स्थित दोमुहानी, जुगसलाई और नदी से सटे अन्य इलाकों का दौरा कर नदी में बढ़े जलस्तर को लेकर वस्तुस्थिति को जाना। इसके साथ ही जलजमाव वाले क्षेत्रों में भी जाकर लोगों को विशेष सावधानी बरतने को कहा। लगातार बारिश से शहर के कई क्षेत्रों में जलजमाव की भी स्थिति हो गई है।
जुगसलाई नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत तूफ़ान यास के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए डीसी-एसएसपी ने जुगसलाई का भी दौरा किया। इस मौके पर जुगसलाई नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी जगदीश प्रसाद यादव भी साथ रहे। अधिकारियों ने खरकई नदी के तट पर बसे जुगसलाई नगर परिषद स्थित गरीब नवाज कालोनी का निरीक्षण किया। उपायुक्त ने प्रभावित क्षेत्रों में झुग्गी-झोपड़ी और कच्चे मकानों में रहने वाले लोगो को नसीम मैरेज हॉल और ईदगाह मैदान (राहत शिविर) में सुरक्षित रूप से कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए ठहराने का निर्देश दिया। खरकई नदी में जलस्तर बढ़ने पर घरों में फंसे लोगों के लिए उपायुक्त ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नाव (बोट) उपलब्ध कराया, ताकि लोगों को सुरक्षित राहत शिविरों तक पहुंचाया जा सके। इसके साथ ही जिन लोगों के पास अपना पक्का और सुरक्षित मकान है, उन्हे घरों में रहने का दिशा-निर्देश दिया गया।
जुगसलाई नगर परिषद द्वारा राहत शिविरों में ठहरे सभी पुरुष, स्त्री एवं बच्चे के लिए नाश्ता में चूड़ा, गुड़ और दोपहर में भोजन उपलब्ध कराया गया है। राहत शिविरों में सभी लोगों को मास्क और सैनिटाइजर भी दिया गया है।*