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चक्रवात तूफान यास से सिंहभूम संसदीय क्षेत्र में हुई बर्बादी एवं तबाही से आम जनजीवन के सुदृढ़ीकरण हेतु विशेष आर्थिक राहत पैकेज दी जाए सांसद गीता कोड़ा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से की मुलाकात

चक्रवात तूफान यास से सिंहभूम संसदीय क्षेत्र में हुई बर्बादी एवं तबाही से आम जनजीवन के सुदृढ़ीकरण हेतु विशेष आर्थिक राहत पैकेज दी जाए सांसद गीता कोड़ा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से की मुलाकात

चाईबासा : सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा ने सोमवार को राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से रांची में मिलकर पत्र प्रेषित कर चक्रवात तूफान यास से सिंहभूम संसदीय क्षेत्र में हुई बर्बादी एवं तबाही से आम जनजीवन के सुदृढ़ीकरण हेतु विशेष आर्थिक राहत पैकेज देने की बात कही सांसद गीता कोड़ा ने प्रेषित पत्र में कहा कि संसदीय क्षेत्र सिंहभूम में चक्रवात तूफान यास से जानमाल को नुकसान हुआ साथ ही बुनियादी ढांचों को भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया सिंहभूम की अधिकांश आबादी सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र में निवास करती है ।
*यास तूफान से मची तबाही का विवरण प्रमुख रुप से निम्नवत है ।*
*कृषि क्षेत्र का प्रभावित होने :-
संसदीय क्षेत्र सिंहभूम की बहुतायत आबादी कृषि कार्य पर ही निर्भर है लेकिन यास चक्रवाती तूफान ने सिंचाई नहर , पेयजल , कुआं एवं किसानों के फसलों मस्लन साग-सब्जी,रबी आदि फसलों को बर्बाद कर उन्हें भुखमरी के कगार पर ला खड़ा कर दिया है ।
*आधारभुत एवं विकासशील संरचना का प्रभावित होना :-
यास चक्रवाती तूफान ने संसदीय क्षेत्र सिंहभूम में कई जगहों पर आधारभुत संरचनाओं से जुड़े पुल,पुलिया सड़क आदि को भी बहुत अधिक क्षतिग्रस्त कर दिया है । जिससे आमजनों को आवगमन के साथ ही अन्य कार्यों में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है ।
*ध्वस्त हुए पक्के और कच्चे मकान से आमजनों का प्रभावित होना :
यास चक्रवात तूफान से सिंहभूम के विभिन्न इलाकों में रहने वाले लोगों का कच्चा,पक्का मकान ध्वस्त हो गया है इसमें ज्यादातर लोग आर्थिक स्थिति से कमजोर हैं वह अपने क्षतिग्रस्त मकान को दुबारा खड़ा कर पाने में असमर्थ है । जिससे मजबुरन वे लोग इधर – उधर रहने को विवश है ।
*कुशमुंडा से खैरपाल सिंचाई नहर निर्माण परियोजना में बरती गई अनियमितता की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए : गीता कोड़ा

चाईबासा : सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा ने सोमवार को कुशमुंडा से खैरपाल सिंचाई नहर निर्माण परियोजना में बरती गई अनियमितता के संबंध में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का ध्यानाकृष्ट कराते हुए कहा कि हाटगम्हरिया प्रखंड अंतर्गत किसानों को सिंचाई पक्की नहर निर्माण परियोजना निर्माण की स्वीकृति दी गई है । उक्त सिंचाई परियोजना से हाटगम्हरिया प्रखंड के लगभग 15 गांव के कई हजार एकड़ जमीन सिंचाई किए जाने का लक्ष्य निर्धारित था
पूर्व में यह सिंचाई परियोजना कच्ची नहर के रूप में अवस्थित थी इस नहर को 2019 में सरकार द्वारा इसे पक्की करण करने की योजना बनाई और 16 किलोमीटर की नहर का पक्कीकरण हेतु 17.60 करोड़ राशि स्वीकृत कर टेंडर के माध्यम से कार्य योजना संवेदकों को आवंटित किया गया चुकी यह नहर परियोजना का निर्माण इस क्षेत्र के किसानों और ग्रामीणों के लिए संजीवनी के रूप में साबित होती पर परंतु विदित हो कि पिछले दिनों यास चक्रवाती तूफान के कारण तेज हवा एवं भारी बारिश होने से निर्माणाधीन कुशमुंडा खैरपाल नहर कई जगह से टूट गया है,तत्पश्चात संवेदकों द्वारा घटिया निर्माण को छुपाने हेतु नहर में अनेकों जगह ढलाई स्लैब एवं दरारों को मरम्मत किया जाता था,जिसकी सूचना ग्रामीणों ने मुझे दिया सूचना और ग्रामीणों द्वारा की गई शिकायत को सही पाया गया नहर में सैकड़ों स्थान पर दरार आ गया तथा अनेकों जगह स्लैब टूट कर नीचे बह गया उसके बाद ढलाई स्लैब की गुणवत्ता जांचने के लिए हथौड़े से हल्का चोट देने पर हथौड़ा दूध ढलाई स्लैब में धंसा जा रहा था और इस प्रकार की कई और बात सामने आई है । संवेदकों द्वारा नहर निर्माण में नहर पक्कीकरण मनको , गुणवत्ता एवं संरचना स्वरुप को ताक में रखकर जानबुझ कर मुनाफा कमाने के लिए निर्माण कार्य में भारी गड़बड़ी किया जा रहा है । जबकि इसके बावजुद जल संसाधन विभाग चाईबासा डिवीजन द्वारा संवेदकों को नहर परियोजना निर्माण की आधे से अधिक राशि का भुगतान इस निर्माण कार्य के एवज में कर दिया है ।
नहर परियोजना एक ही बरसात में क्षतिग्रस्त होकर बह गया और संवेदकों एवं विभागीय अधिकारियों के मिली भगत से करोड़ों रुपए की हानि हुई है ।
सांसद गीता कोड़ा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कहा कि किसानों एव ग्रामीणों के हित को देखते हुए चाईबासा डिवीजन सिंचाई विभाग के द्वारा नहर निर्माण परियोजना में बरती गई भारी अनियमितता की जांच उच्च तकनीकी पदाधिकारियों के विशेष दल बनाकर नहर निर्माण की बारीकी से जांच कर फलस्वरूप संवेदकों एवं पदाधिकारियों पर कार्रवाई किया जाए ।