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चैत्र शुक्ल प्रतिपदा अर्थात नववर्षारंभ के अवसर पर विजय का प्रतीक स्वरुप ब्रह्म ध्वज का सामुहिक पूजन संपन्न

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा अर्थात नववर्षारंभ के अवसर पर विजय का प्रतीक स्वरुप ब्रह्म ध्वज का सामुहिक पूजन संपन्न

जमशेदपुर : आज नववर्षारंभ अथार्त सम्वत्सरारम्भ के पावन अवसर पर बिरसा नगर (बारीडीह), जमशेदपुर स्थित श्री श्री नर्मदेश्वर शिव एवं संकटमोचन हनुमान मंदिर प्रांगण में सामुहिक ब्रह्म ध्वज का पूजन सात्विक एवं उस्फूर्त वातावरण में सम्पन्न हुआ। धर्म प्रेमी कुमार चित्रांश श्रीवास्तव ने बड़े ही भाव के साथ ब्रह्म ध्वज का पूजन किया। हिन्दू जनजागृति समिति के श्री सुदामा शर्मा ने पूजा विधि बताई तथा शास्त्रानुसार व शुद्ध विधि से ब्रह्म ध्वज लगाया गया। ब्रह्मध्वज के चैतन्य का लाभ इस अवसर पर उपस्थित मंदिर के पुजारी, व्यवस्थापक एवं मंदिर में आये अनेक श्रद्घालु एवं भक्तों ने उठाया।
हिंदू धर्म में नव संवत्सर का महत्व अनन्य साधारण है । चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, हिंदुओं के नव वर्ष का आरंभ है। इसी दिन सृष्टि की निर्मित हुई थी, इसलिए यह केवल हिंदुओं का ही नहीं अपितु अखिल सृष्टि का नव वर्ष आरंभ है। चैत्र शुद्ध प्रतिपदा को वर्ष आरंभ करने के नैसर्गिक, ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक कारण हैं। इस शुभ अवसर पर ब्रह्मदेव की पूजा की जाती है, क्योंकि इस दिन ब्रह्मदेव ने विश्व की रचना की थी। ऐसा कहा जाता है, संवत्सर पूजा करने से समस्त पापों का नाश होता है। आयु में वृद्धि होती है, सौभाग्य बढ़ता है एवं शांति प्राप्त होती है। “पृथ्वी के सारे जीव सुखी एवं निरामय अर्थात (रोग मुक्त) हों। सभी का कल्याण हो। सबकी एक दूसरे की ओर देखने की दृष्टि शुभ एवं कल्याणमयी हो एवं किसी को भी दुख प्राप्त न हो” यह संकल्प कर, वह प्रत्यक्ष में साध्य हो, इसलिए कृतिशील भक्ति के लिए मूर्त स्वरूप ध्वज की स्थापना कर ब्रह्मदेव का पूजन किया गया।
साथ ही इस अवसर पर सनातन भारतीय संस्कृति संस्था द्वारा धर्मशास्त्र, अध्यात्म, साधना आदि विषयों पर प्रकाशित ग्रंथ व सात्विक वस्तु-साहित्य की प्रदर्शनी भी लगाई गयी, जिसका लाभ समाज के लोगों ने लिया।
कार्यक्रम में समिति की ओर से रेणु शर्मा, बी.वी. कृष्णा, बी. अश्विनी कृष्णा, नवीन वर्मा, रंजना वर्मा, बी.गोपाल राव, रवि महाराना, राजन गोराई , मंदिर व्यवस्थापक, श्रीमती गोराई, सतेंद्र साह एवं अनेक धर्मनिष्ठ लोगों की उपस्थिति रही। सभी ने ब्रम्हांड से प्रक्षेपित होने वाली सात्विक तरंगों का लाभ लिया