झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

बस बात जतन की करते हैं

बस बात जतन की करते हैं
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सबको मुमकिन लगता होगा, हम बात अपन की करते हैं
लेकिन सच है कि हरदम हम, हर बात चमन की करते हैं

आपस की मिल्लत मजबूती, देती हमको इस दुनिया में
क्यूँ बीज जहर का बो करके, वो बात अमन की करते हैं

ये रीति पुरानी है जग में, अच्छों को गले लगाते सब
कैसे भटके को राह मिले, बस बात जतन की करते हैं

जिसका भी जैसा काम यहाँ, इज्जत उसको वैसी मिलती
फिर देख बुराई क्या अपनी, चल बात दफन की करते हैं

हम यहाँ , वहाँ या जहाँ रहें, बिन परिजन सुमन जिए कैसे
जो प्रेम की कीमत जान लिया, वो बात नमन की करते हैं

श्यामल सुमन