झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

बिहार के राज्यपाल से मिले घाटशिला कालेज के प्राचार्य उन्हें भेंट की अपनी मैथिली पुस्तक

बिहार के राज्यपाल से मिले घाटशिला कालेज के प्राचार्य उन्हें भेंट की अपनी मैथिली पुस्तक

पटना – घाटशिला कालेज के प्राचार्य डॉ. रवीन्द्र कुमार चौधरी बुधवार को राजभवन पटना में बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर से मिले। प्राचार्य डा चौधरी ने सर्वप्रथम राज्यपाल को मिथिला के पारंपरिक रीति से अंगवस्त्र, पाग एवं मिथिला चित्रकला से सुसज्जित स्मृति चिन्ह देकर उन्हें सम्मानित किया। तत्पश्चात उन्हें अपनी मैथिली पुस्तक ‘समकालीन मैथिली लेखक कोश’ भेंट की। इस पुस्तक में वर्ष 2020 में आए भयंकर महामारी कोरोना काल में जीवित 851 मैथिली साहित्यकारों का समग्र परिचय संग्रहित है। इसमें भारत, नेपाल समेत अन्य देशों में जहां कहीं रहकर मिथिला वासी मैथिली साहित्य का सृजन करने में लगे हैं, उनका परिचय इसमें शामिल है। इनमें 97 लेखक- लेखिकाएं पड़ोसी देश नेपाल के हैं।
इस पुस्तक में भारतीय मिथिला क्षेत्र के 754 मैथिली साहित्यकारों का परिचय शामिल है। जिनमें सिंगापुर में कार्यरत अंजनी कुमार चौधरी, खुशबू मिश्रा खुशी, युगांडा के केशव भारद्वाज, फिलिपींस के ज्योति कार्तिकेय, यूके के मिथिलेश झा, वंदना कर्ण, सीमा झा, रूस- मास्को के शिशिर कुमार झा, तंजानिया के संजय झा ‘नागदह’ तथा यूक्रेन के सुपर्णा झा का भी परिचय इसमें संग्रहित है। ये साहित्य प्रेमी अन्य देश में रहकर भी मैथिली साहित्य सृजन करते हैं।
राज्यपाल अर्लेकर इस महत्वपूर्ण मैथिली पुस्तक के लिए अपनी शुभकामनायें देते प्राचार्य डा चौधरी को बधाई दिए।
प्राचार्य डा चौधरी ने इससे पूर्व पिछले सप्ताह अपनी नेपाल यात्रा में नेपाल के प्रथम पूर्व उपराष्ट्रपति परमानंद झा से काठमाण्डू में मिलकर उन्हें अपनी यह पुस्तक भेंट की थी। तब पूर्व उपराष्ट्रपति श्री झा इस पुस्तक को देखकर अपना उदगार व्यक्त करते हुए कहा कि मैथिली साहित्य की यह प्रथम पुस्तक है जो नेपाल और भारत के मैथिली साहित्यकारों को जोड़ती है। इससे मैथिली साहित्य दोनों देशों में समृद्ध होगा।
ज्ञातव्य हो कि पिछले माह प्राचार्य डा चौधरी को साहित्य और समाज सेवा कार्यों के लिए भारत गौरव सम्मान से नवाजा गया है। इससे पूर्व राष्ट्रीय साहित्य शिरोमणि सम्मान, मिथिला गौरव सम्मान, झारखंड रत्न सम्मान से ये सम्मानित हो चुके हैं।